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    राजौरी में हर कसाई चला रहा अपना बूचड़खाना, बिना जांच के बिक रहा मीट

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 08:03 PM (IST)

    राजौरी शहर में कई कसाई दुकानें अवैध रूप से चल रही हैं, जहाँ बिना जाँच के मांस बेचा जा रहा है। नगर परिषद द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिससे ...और पढ़ें

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    राजौरी में अवैध बूचड़खानों का जाल, बिना जांच के बिक रहा मांस।

    गगन कोहली, राजौरी। राजौरी शहर में एक नहीं, बल्कि कई कसाई की दुकानें चल रही है, लेकिन सभी कसाई अपने अपने बूचड़खाने ही चला रहे हैं। जबकि नियमों के अनुसार नगर परिषद की ओर से बूचड़खाना चलाया जाता है, जिसमें पूरा स्टाफ नियुक्त रहता है।

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    इसके साथ एक पशु चिकित्सक भी रहता है, जो काटे गए मीट की जांच करता है। इससे पता चलता कि मीट पूरी तरह से ठीक है या नहीं। उसके बाद प्रमाणपत्र जारी किया जाता है या फिर उस मीट को बाजारों में बेचा जा सकता है, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। इस संबंध में न तो नगर परिषद द्वारा कोई कदम उठाया जा रहा है और न ही अभी तक प्रशासन ने इस और कोई ध्यान दिया है।

    बता दें कि राजौरी के बाजारों में पचास से अधिक कसाई अपना कारोबार चला रहे हैं। हर कसाई ने अपनी ही दुकानों के अंदर अवैध तौर पर छोटे- छोटे बूचड़खाने बना रहे हैं। यहां पर भेड़ बकरियों को काटा जाता है। उनके मास को दुकानों में सजा कर बेचा जा रहा है। लोगों को बीमार भेड़ बकरी का मीट बेचा जा रहा है या फिर स्वास्थ्य इसकी कोई पता नहीं।

    नियमों के अनुसार बूचड़खाने में तीन माह से काम आयु की भेड़ बकिरयों के साथ साथ किसी भी गर्भवती भेड़ या बकरी को नहीं काटा जा सकता है। नियमों के अनुसार भेड़ बकरी के कट जाने पर पशु चिकित्सक मीट की जांच करता है। जांच में अगर मीट पूरी तरह से ठीक है तो उसका प्रमाण पत्र कसाई को जारी किया जाता है।

    इसके बाद कसाई उस मीट को अपनी दुकान पर बेच सकता है। इसके अलावा काटे के मवेशी का खून व गंदगी किसी भी नाले व नदी में नहीं जानी चाहिए। इसे गड्ढे में दबाया जाना चाहिए और पूरे स्वच्छ वातावरण में भेड़ बकरी को काटा जाना चाहिए।

    हमारा बूचड़खाना बंद चल रहा है। हमने बूचड़खाने को बचाने के लिए योजना को तैयार करके मंजूरी के लिए भेजा है। जल्द ही इसका टेंडर भी जारी हो जाएगा। इसके बाद राजौरी में बूचड़खाना कार्य करना शुरू कर देगा और यह बूचड़खाना पूरी तरह से अतिआधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। -यूसुफ-उल-उमर, नगर परिषद के ईओ