अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, सीक्रेट रहेगी पूरी खुफिया तंत्र; DIG ने की उच्चस्तरीय बैठक
श्रीनगर में अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। डीआईजी मकसूद उल जमान ने अधिकारियों के साथ बैठक में आतंकरोधी अभियान तेज करने और खुफिया तंत्र को सक्रिय रखने के निर्देश दिए। यात्रा मार्ग और शिविरों की सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया गया। केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की कंपनियां उपलब्ध कराई हैं।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Amarnath Yatra 2025: समुद्र तल से लगभग 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरेश्वर धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तरी कश्मीर में एक सुरक्षित,शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराने की कार्ययोजना की सोमवार को उत्तरी कश्मीर रेंज के पुलिस डीआईजी मकसूद उल जमान ने एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की। उन्होंने उत्तरी कश्मीर में यात्रा मार्ग और श्रद्धालुओं के लिए स्थापित सभी शिविरों के आस-पास के इलाकों में आतंकरोधी अभियान तेज करने और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए खुफिया तंत्र को पूरी तरह से सक्रिय रखने का निर्देश दिया।
श्री अमरेश्वर धाम जिसे श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के नाम से भी पुकारा जाता है कि वाषिक तीर्थयात्रा इस वर्ष तीन जुलाई से नौ अगस्त तक जारी रहेगी। यह तीर्थयात्रा हमेशा आतंकियों के निशाने पर रही है। प्रशासन तीर्थयात्रा को सुरक्षित एवं विश्वासपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिएहर संभव उपाय कर रहा है। केंद्र सरकार ने तीर्थयात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय अर्धसैन्यबलों की 581 कंपनियां उपलब्ध कराई हैं।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर रेंज के पुलिस डीआईजी मकसूद उल जमान ने आज संबधित पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों संग शादीपोरा ट्रांजिट कैंप में यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। शादीपोरा ट्रांजिट कैंप में बालटाल मार्ग से पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं को ठहराया जाता है। यह शिविर कंगन से पहले है। बैठक में शादीपोरा शिविर और मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए तैनाती रणनीति, निगरानी प्रणाली, आपातकालीन तैयारियों और रसद व्यवस्था का आकलन किया।
बैठक में मौजूद अधिकारियों के साथ सुरक्षा प्रबंधों पर चर्चा करते हुए डीआईजी ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिहनित स्थानों पर विशेष दस्तों को तैनात रखने के अलावा यात्रा मार्ग की निरंतर निगरानी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खुफिया तंत्र को पूरी तरह से सक्रिय रखा जाए और किसी भी अप्रिय घटना को पहले ही टालने की रणनीति पर काम होना चाहिए।
उन्होंने शिविर में किसी भी संदिग्ध तत्व के प्रवेश को पूरी तरह से रोकने के उपायों पर भी चर्चा की। उन्होंने मॉक ड्रिल और सभी संबधित सुरक्षा एजेंसियों के बीच आवश्यक सूचनाओं के निर्बाध आदान-प्रदान के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यह यात्रा को सुचारू व सुरक्षित बनाए रखने के लिए जरुरी है। डीआईजी ने बैठक के बाद शिविर में , सीसीटीवी निगरानी, चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं, यातायात विनियमन और आकस्मिक प्रतिक्रिया तंत्र का भी जायजा लिया।
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