सावधान! इस ठिठुरन भरी सर्दी में जनता को सताएगी बिजली कटौती, 32 प्रतिशत बिजली की कमी होने की संभावना
बिहार में इस सर्दी में बिजली कटौती की आशंका है, क्योंकि बिजली की उपलब्धता में 32% तक की कमी होने का अनुमान है। दिसंबर और जनवरी में मांग 6,500 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि उपलब्धता केवल 4,400 मेगावाट रहने का अनुमान है। बिजली उत्पादन में कमी और कोयले की आपूर्ति में बाधाएं इसके मुख्य कारण हैं।

सरकार वैकल्पिक स्रोतों से बिजली खरीदने का प्रयास कर रही है।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। कश्मीर में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है जबकि जम्मू में भी सुबह व शाम के समय ठंडक महसूस की जा रही है। ऐसे में इस ठिठुरन भरी सर्दी में बिजली कटौती जनता के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में चालू महीने में अधिकतम मांग के दौरान लगभग 32 प्रतिशत बिजली की कमी होने की संभावना है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अधिकतम मांग के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में उपलब्ध बिजली की तुलना में 31.8 प्रतिशत बिजली की कमी होने की संभावना है।
1163 मेगावाट बिजली कमी करेगी परेशान
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नवंबर 2025 के लिए अद्यतन अनुमानित बिजली आपूर्ति स्थिति से पता चलता है कि 3653 मेगावाट की आवश्यकता के मुकाबले अधिकतम उपलब्धता 2490 मेगावाट ही होगी। यानी 1163 मेगावाट की कमी को ध्यान में रख बिजली निगम अभी से व्यवस्था में जुट गया है।
वहीं आधिकारिक दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश एसएलडीसी, पंजाब एसएलडीसी और जम्मू-कश्मीर एसएलडीसी के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस कमी को रीयल-टाइम एक्सचेंजों और बैंकिंग व्यवस्थाओं के माध्यम से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
पनबिजली परियोजनाओं में 70 प्रतिशत उत्पादन गिरा
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के हिमाश्रित दरियाओं में पानी का जलस्तर कम होने लगा है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी व तापमान जमावबिंधु से कम हो जाने की वजह से पनबिजली परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन लगभग 70 प्रतिशत कम हो गया है। सर्दियां बढ़ जाने पर उत्पादन क्षमता और कम होगी।
एक अधिकारी ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर की अपनी पनबिजली परियोजनाओं से बिजली उत्पादन में लगभग 800-900 मेगावाट की कमी आई है। "स्थानीय बिजली पनबिजली परियोजनाओं में वर्तमान उत्पादन 330 मेगावाट से 400 मेगावाट के बीच है।"
उन्होंने यह भी बताया कि 900 मेगावाट क्षमता वाली बगलिहार एक और दो पनबिजली परियोजना में इस समय बिजली उत्पादन 250-380 मेगावाट के बीच हो रहा है। इसके अलावा किशनपुर और न्यू वानपोह सहित अन्य बिजली पनबिजली परियोजना से हम अधिकतम एक मेगावाट बिजली ही पैदा कर पा रहे हैं।"
कश्मीर में 71 मेगावाट बिजली ही हो रही उत्पन्न
अधिकारी ने आगे बताया कि विभाग कश्मीर में मौजूद पनबिजली परियोजनाओं से केवल 71 मेगावाट बिजली ही पैदा कर पा रहा है। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए एसएलडीसी जम्मू-कश्मीर के प्रवक्ता ने बिजली की मांग और जबरन कटौती के बारे में कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर बहुत जरूरी हुआ तो मांग पर काबू पाने के लिए घोषित-अघोषित कटौती का सहारा लिया जाएगा।

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