कश्मीर ट्रासपोर्ट नेटवर्क की ऐतिहासिक उपलब्धि, दिल्ली से पहली मालगाड़ी अनंतनाग रेलवे स्टेशन पहुंची
आज कश्मीर ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। पहली मालगाड़ी उत्तरी रेलवे के अनंतनाग स्टेशन पहुंची। यह घटना उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की शुरुआत का प्रतीक है जिससे कश्मीर रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे माल ढुलाई से जुड़ गया है। यह विकास व्यापार के अवसर पैदा करेगा ट्रांसपोर्ट लागत कम करेगा और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। कश्मीर ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए आज का दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में यादगार बन गया। उत्तर रेलवे के अनंतनाग रेलवे स्टेशन पर जब पहली मालगाड़ी पहुंची तो रेलवे विभाग के अधिकारी ही नहीं स्थानीय लोग व प्रशासनिक अधिकारी भी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने।
यह ऐतिहासिक घटना उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL)परियोजना के नवनिर्मित बनिहाल-संगलदान-रियासी-कटरा खंड के परिचालन की शुरुआत का प्रतीक है। इस विकास के साथ कश्मीर रेल नेटवर्क अब भारतीय रेलवे माल ढुलाई गलियारे के साथ निर्बाध रूप से जुड़ गया है। अब देश भर से घाटी में माल की सीधी आवाजाही संभव हो गई है।
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा कश्मीर ट्रांसपोर्ट नेटवर्क
यह विकास नए व्यापार अवसर पैदा करके व्यवसायों और आवश्यक वस्तुओं के लिए ट्रांसपोर्ट लागत को कम करेगा ही, इसके साथ ही मौसम संबंधी चुनौतियों को दरकिनार कर घाटी में साल भर आवश्यक खाद्य वस्तुअयों की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा राष्ट्रीय रेल ढांचे के भीतर क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करके आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
यह भी पढ़ें- एम्बुलेंस में गूंजी किलकारी, अस्पताल ले जाते समय महिला ने दिया बच्चे को जन्म, दोनों सुरक्षित
कुल 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना हाल ही में चालू की गई है। यूएसबीआरएल परियोजना जम्मू और कश्मीर के उधमपुर, रियासी, रामबन, श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा, बडगाम और बारामूला जिलों को कवर करती है।
इस रेलवे लाइन पर है दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल
यूएसबीआरएल परियोजना स्वतंत्रता के बाद देश में शुरू की गई सबसे कठिन नई रेलवे लाइन परियोजनाओं में से एक है। यह भूभाग हिमालय से होकर गुजरता है जो भूवैज्ञानिक आश्चर्यों और असंख्य समस्याओं से भरा है। इस परियोजना में रेलवे ने जम्मू कश्मीर के जिला रियासी में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बनाया है।
प्रतिष्ठित चिनाब पुल 1315 मीटर लंबा है, जिसका आर्च स्पान 467 मीटर है और नदी तल से इसकी ऊँचाई 359 मीटर है। इस परियोजना में अंजी खड्ड पर भारतीय रेलवे का पहला केबल-स्टेड पुल बनाया गया है। इसका ब्रिज डेक नदी तल से 331 मीटर ऊपर है और इसके मुख्य तोरण की ऊँचाई 193 मीटर है।
परियोजना ने 5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित किए
यूएसबीआरएल परियोजना ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक योगदान दिया है, जिसमें रोजगार सृजन इसके प्रभाव का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस परियोजना ने 5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित किए हैं।
यूएसबीआरएल परियोजना के सामाजिक-आर्थिक विकास प्रयासों का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू 215 किलोमीटर से अधिक लंबी पहुंच सड़कों का निर्माण रहा है, जिसमें एक सुरंग और 320 छोटे पुलों का निर्माण शामिल है। इस सड़क नेटवर्क ने स्थानीय लोगों को अन्य क्षेत्रों से संपर्क बढ़ाने और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में मदद की है।
यूएसबीआरएल परियोजना में है पर्याप्त सुरक्षा प्रावधान
अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार यूएसबीआरएल परियोजना में पर्याप्त सुरक्षा प्रावधान किए गए हैं। 2 किलोमीटर से अधिक लंबी सभी सुरंगों में वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यांत्रिक वेंटिलेशन सिस्टम लगाए गए हैं। सभी सुरंगों में संभावित आग की घटनाओं से तुरंत निपटने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए अग्नि हाइड्रेंट और अग्निशामक यंत्रों सहित अग्निशमन प्रणालियां प्रदान की गई हैं।
इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, जहाँ सुरंग की लंबाई 3 किलोमीटर से अधिक है, वहाँ निकासी सुरंगें भी बनाई गई हैं। इस परियोजना में कुल 66 किलोमीटर निकासी सुरंगें बनाई गई हैं।
यह भी पढ़ें- लद्दाख में राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची की मांग को लेकर जनांदोलन शुरू, तीन दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे केडीए-एलएबी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।