ऑनलाइन उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली ने खोली कश्मीर शिक्षा व्यवस्था की पोल, अनुपस्थित अधिकारियों के आंकड़े कर देंगे हैरान
कश्मीर में ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली ने शिक्षा विभाग की पोल खोल दी है। उत्तरी कश्मीर में 1698 अधिकारी और अध्यापक अनुपस्थित पाए गए जिनमें ज़िला शिक्षा अधिकारी स्तर के लोग भी शामिल थे। बांडीपोर बारामूला और कुपवाड़ा में बड़ी संख्या में कर्मचारी अनुपस्थित लेट या जल्दी चले गए थे। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण माँगा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। ऑनलाइन उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली ने कश्मीर संभाग में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
उत्तरी कश्मीर में स्कूल शिक्षा विभाग के 1698 अधिकारी, कर्मचारी और अध्यापक पहली सितंबर को अनुपस्थित पाए गए हैं। हद तो यह है कि अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों में जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। स्कूल शिक्षा स्कूल शिक्षा विभाग (एसईडी) में लागू ऑनलाइन उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली से इनकी अनुपस्थिति को चिह्नित किया गया है।
अनुपस्थित कर्मचारियों की सूची में न केवल शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी बल्कि मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ), डिप्टी-सीईओ और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी (जेडईओ) जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
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अनुपस्थित रहने वालों में सीईओ बांडीपोर अल्ताफ हुसैन तारा, बांडीपोर के डिप्टी सीईओ डा जीएम पुजू, सीईओ बारामुला बशीर अहमद शाह, सीईओ कुपवाड़ा मेहराजुद्दीन शाह, जेडईओ सोपोर फहमीदा अख्तर और जेडईओ सिंहपोरा (कलां) सैफ-उद-दीन चिची शामिल हैं।
विडंबना यह है कि डिप्टी सीईओ अपने-अपने ज़िलों में आनलाइन उपस्थिति प्रणाली के लिए नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं। उत्तरी कश्मीर के संयुक्त शिक्षा निदेशक ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से उनके आचरण के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 1698 अनुपस्थित कर्मचारियों में से 283 बांडीपोरा, 889 बारामूला और 526 कुपवाड़ा से थे। उपस्थिति रिकार्ड से पता चला है कि 2097 कर्मचारी ड्यूटी पर देर से पहुंचे। इनमें बारामूला के 1,076, बांडीपोरा में 238 और कुपवाड़ा में 783 कर्मचारी शामिल हैं।
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तीनों ज़िलों के सीईओ को भेजे गए आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि यह देखा गया है कि पहली सितंबर को बड़ी संख्या में कर्मचारी या तो अनुपस्थित थे, देर से पहुँचे या जल्दी चले गए। संबंधित कर्मचारियों को तीन दिनों के भीतर इन अनियमितताओं के बारे में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।
आदेश में आन ड्यूटी" और आटो चेक-आउट" सुविधाओं के दुरुपयोग के खिलाफ भी चेतावनी दी गई है और यह कहा गया है कि बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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