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    'सत्ता का हाइब्रिड मॉडल किसी के लिए फायदेमंद नहीं', एलजी के साथ काम करने को लेकर और क्या बोले उमर अब्दुल्ला?

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 06:04 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में शासन का ...और पढ़ें

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    जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित की। फाइल फोटो

    पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की।

    सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि कि केंद्र शासित प्रदेश में शासन का हाइब्रिड मॉडल किसी के लिए फायदेमंद नहीं है और जब कमान का एक ही केंद्र होता है, तो व्यवस्था बेहतर तरीके से काम करती है। अगर दोहरे केंद्र, शासन करने लिए प्रभावी साबित होते, तो यह हर जगह दिखाई देता।

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    मतभेद है, टकराव नहीं: उमर अब्दुल्ला

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभवन से कुछ मुद्दों पर मतभेद रहे हैं, लेकिन उस पैमाने पर नहीं जिस पर अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसी रिपोर्टें केवल कल्पना की उपज हैं। राजभवन के साथ कोई टकराव नहीं हुआ है। हालांकि, जब कमान का एक ही केंद्र होता है, तो सिस्टम बेहतर तरीके से काम करता है।

    केंद्र शासित प्रदेश के लिए कमान के दोहरे केंद्र अंतर्निहित हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार के लिए कामकाज के नियम उचित परामर्श के बाद बनाए जाएंगे और फिर उन्हें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भेजा जाएगा।

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    'जिसका काम जहां हो, उसे वहां जाना चाहिए'

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लोगों को राजभवन जाने से मना करने वालों में से नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं कहूंगा कि लोगों को, जहां भी उनके मुद्दे सुलझ सकते हैं, वहां जाना चाहिए। चाहे वह राजभवन हो या स्थानीय विधायक या अधिकारी।

    आरक्षण के मुद्दे पर क्या बोले मुख्यमंत्री?

    आरक्षण के मुद्दे पर अपनी पार्टी के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी के विरोध के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पर अक्सर एक पारिवारिक पार्टी होने का आरोप लगाया जाता है। लेकिन हमने हमेशा कहा है कि हम एक लोकतंत्र हैं और हर किसी को बोलने का अधिकार है।

    जब विरोध प्रदर्शन को अवैध माना जाता था, तब से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मेरे दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। उसके बाद हमारी एक बैठक हुई। गुपकार में उनके आवास के पास आरक्षण विरोधी प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उसमें मेहदी भी शामिल हुए थे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक ​​आरक्षण का सवाल है, तो मैंने प्रतिनिधियों से कहा है कि कैबिनेट उप-समिति गठित की गई है। पार्टी को उम्मीद है कि श्रीनगर से लोकसभा सांसद मेहदी संसद में भी राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए इसी तरह का विरोध प्रदर्शन करेंगे।

    शेख अब्दुल्ला के जन्मदिन पर अवकाश के मुद्दे पर क्या बोले?

    राजभवन द्वारा पांच दिसंबर को एनसी संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के जन्मदिन और 13 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में सार्वजनिक अवकाश बहाल न करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे उन लोगों की विरासत नहीं मिट सकती, जिन्होंने बलिदान दिया है।

    शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की विरासत पांच दिसंबर को शुरू और खत्म नहीं होती। यही बात 13 जुलाई के शहीदों के साथ भी लागू होती है। जब कोई किसान अपनी जमीन जोतता है, तो वह शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के बारे में सोचता है। शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की विरासत तो जब कोई छात्र मुफ्त या सब्सिडी वाली शिक्षा प्राप्त करता है, वह है।

    आतंकवादी का बेटा आतंकवादी नहीं होता: उमर

    सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए पुलिस सत्यापन के कारण उम्मीदवारों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह अभी उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, लेकिन उन्होंने इस मामले पर सीआईडी ​​प्रमुख से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से यह कहता रहा हूं कि आतंकवादी का बेटा आतंकवादी नहीं होता।

    हमने जानबूझकर इस ब्लैकलिस्टिंग को खत्म कर दिया (मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले कार्यकाल में)। हम अभी इस बारे में केवल परामर्श कर सकते हैं। लेकिन मेरा मानना ​​है कि कुछ राहत मिली है। जब हम एक राज्य बन जाएंगे, तो उनके लिए और अधिक किया जाएगा।

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