Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने भी आप विधायक मलिक की भाषा को बताया अनुचित, कश्मीर में दिया यह बयान

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 03:04 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने आप विधायक मेहराज मलिक की भाषा को अनुचित बताया पर पीएसए के तहत मामला दर्ज करने को गलत कहा। उन्होंने बडगाम में कहा कि लोकतंत्र में मतभेद की गुंजाइश होती है इसलिए पीएसए जैसे कानून का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक आवाजों को दबाना गलत है और सरकार को उचित प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

    Hero Image
    राजनीतिक मतभेदों को सुलझाने का सही तरीका बातचीत है, दमन नहीं।

    राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने गुरूवार को आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक के बयानों और भाषा को पूरी तरह से अस्वीकार्य व अनुचित बताया।

    उन्होंने कहा कि उनकी भाषा निंदाजनक है, लेकिन उन पर जन सुरक्षा अधिनियम(पीएसए) के तहत मामला दर्ज करने का फैसला भी गलत है।

    आज बडगाम में अपने दौरे के दौरान पत्रकारों के साथ एक बातचीत में कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं और लोकतंत्र में मतभेद- बहस की गुंजाइश होती है। इसलिए पीएसए जैसे कानून का इस्तेमाल बातचीत और सहिष्णुता की जगह नहीं होना चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें- श्रीनगर में नशेड़ी पुत्र की शर्मनाक करतूत, मां की हत्या का किया प्रयास; पुलिस कर रही फरार पुत्र की तलाश

    उन्होंने कहा कि हां, यह सही है कि विधायक मेहराज मलिक ने जो भाषा इस्तेमाल की है, वह अनुचित थी और उसकी निंदा होनी चाहिए। हम भी इस मामले पर उनके समर्थक नहीं हैं, लेकिन पीएसए कोई समाधान नहीं है।

    पीएसए का जिस तरह से लगाया गया है,उससे यही संदेश जाता हैकि जम्मू कश्मीर में राजनीतिक आवाजों को, सरकार के नीतियों के विरोधियों को दबाया जा रहा है। ऐसा नही होना चाहिए, यह गलत है। अगर इसी तरह के काम जारी रहे तो यह खतरनाक साबित होंगे।

    उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जहां राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता अपने सार्वजनिक बयानों में संयम बरतें, वहीं सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि वह उचित प्रतिक्रिया दे।

    यह भी पढ़ें- कश्मीर में अवैध कटाई पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, वन विभाग के दो अधिकारी निलंबित, आरा मिल भी सील

    उन्होंने कहा कि हम किसी की आवाज को दबाकर, अपने विरोधियो को प्रताड़ित कर, उन्हें चुप कराकर लोकतंत्र को मजबूत नहीं कर सकते। कानून का शासन होना चाहिए, लेकिन साथ ही लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि उनके अधिकार और सम्मान सुरक्षित हैं।"

    चौधरी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं इतनी मजबूत होती हैं कि वे जेल भेजने के बजाय बहस और जवाबदेही के माध्यम से कठोर शब्दों से निपट सकें। उन्होंने जोर दिया कि राजनीतिक मतभेदों को सुलझाने का सही तरीका बातचीत है,दमन नहीं । दमनकारी नीतियां अतंत:घातक ही साबित होती हैं।

    यह भी पढ़ें- महबूबा के बाद विधायक सज्जाद लोन, मीरवाइज ने भी किया 'हाउस अरेस्ट' करने का दावा, बोले- प्रशासन का रवैया क्रूरता भरा