Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खुशखबरी! जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब दो महीने बाद शुरू हुआ दो-तरफा यातायात, जाम से मिली निजात

    By Rahul SharmaEdited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 13 Oct 2025 05:59 PM (IST)

    जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग दो महीने बाद दोनों तरफ से यातायात फिर से शुरू हो गया है। इस फैसले से यात्रियों को राजमार्ग पर लगने वाले लंबे जाम से काफी राहत मिली है।

    Hero Image

    कश्मीर से देश के दूसरे राज्यों को जाने वाले सेबों से लदे ट्रक भी अब हाईवे पर निर्बाध यात्रा कर रहे हैं।

    डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सहित देश के दूसरे राज्यों के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। कश्मीर घूमने के लिए आ रहे हैं तो अब आप सड़क मार्ग से घाटी तक जा सकते हैं। करीब दो महीने के अंतराल के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो तरफा यातायात बहाल हो चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी मोटर वाहनों के लिए दो-तरफा यातायात बहाल कर दिया है। इससे घाटी से बाहरी बाजारों तक आवश्यक वस्तुओं और फलों से लदे ट्रकों का निर्बाध परिवहन सुनिश्चित हो गया है।

    कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला करीब 250 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग एकमात्र बारहमासी मार्ग है जो 26 अगस्त को कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़क धंसने के कारण अवरुद्ध हो गया था। खासकर उधमपुर जिले में थराद पुल और बल्ली नाला व रामबन जिले में मरूग में इसे काफी नुकसान पहुंचा था। 

    बारिश व भूस्खलन की वजह से प्रभावित हुआ था राजमार्ग

    अधिकारियों ने बताया कि अगस्त और सितंबर के दौरान भारी बारिश, अचानक बाढ़ और बादल फटने के बाद राजमार्ग पर यातायात बुरी तरह बाधित हो गया था। हालांकि 10 सितंबर को एनएचएआई द्वारा युद्धस्तर पर संपर्क बहाल करने के लिए कर्मचारियों और मशीनों को तुरंत तैनात करने के बाद एक-तरफा यातायात को बहाल किया गया परंतु यहां लगने वाले लंबे जाम की वजह से कमर्शियल ही नहीं छोटे वाहन चालक भी परेशान हो चुके थे। 

    ऊधमपुर संवेदनशील मार्ग का भी मरम्मत कार्य पूरा

    एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि लगातार प्रयासों के बाद क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत की गई और उन पर तारकोल बिछाया गया। उधमपुर और चिनैनी के बीच थराद के पास सबसे अधिक प्रभावित और संवेदनशील हिस्सा, जिसकी लंबाई लगभग 300 मीटर है, 5 अक्टूबर को पूरी तरह से तारकोल बिछा दिया गया। अब इस मार्ग से भारी और हल्के वाहन एक साथ आसानी से गुजर सकते हैं।

    अधिकारी ने कहा कि इस बहाली से अब सभी प्रकार के वाहनों की दो-तरफा आवाजाही संभव हो गई है। अब भीड़भाड़ कम हुई है और महत्वपूर्ण लखनपुर-जम्मू-श्रीनगर कॉरिडोर पर यातायात का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित हुआ है।

    लखनपुर से सीधे कश्मीर घाटी तक जा सकते हैं वाहन

    अधिकारी ने आगे कहा, "एनएचएआई ने 9 अक्टूबर को स्थानीय प्रशासन से लखनपुर-जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सभी प्रकार के वाहनों की दो-तरफा आवाजाही फिर से शुरू करने का अनुरोध किया ताकि यातायात का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित हो सके और मार्ग पर भीड़भाड़ से बचा जा सके।

    एनएचएआई राजमार्ग की परिचालन दक्षता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जो जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है। एनएचएआई के प्रवक्ता ने कहा, "सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुचारू और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कॉरिडोर पर नियमित निगरानी और रखरखाव टीमें तैनात की गई हैं।"