लद्दाख स्वायत्त परिषद में मुस्लिम सदस्य के नामांकन को चुनौती, उपराज्यपाल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर
LadakhNews: जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, कारगिल में एक मुस्लिम सदस्य के नामांकन को चुनौती दी गई है। याचिका उप ...और पढ़ें

अदालत ने अभी इस मामले की सुनवाई की तिथि तय नहीं की है। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। LadakhNews: लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, करगिल के चेयरमैन समेत पांच कांउसलरों ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता की ओर से परिषद में एक मुस्लिम सदस्य के नामांकन को चुनौती दी है।
याचिका में नामांकन को एलएएचडीसी अधिनियम, 1997 की धारा 4(2) का उल्लंघन बताया गया है। उनका तर्क है कि कारगिल जिले में बौद्ध समुदाय मुख्य धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक हैं और बहुसंख्यक को सदस्य नहीं बनाया जा सकता है।
एलएएचडीसी करगिल के चेयरमैन मोहम्मद जाफर अखून, काउंसलर काचो मोहम्मद फिरोज, आगा सईद मुजतबा मुसावी, जाकिर हुसैन और पंचोक ताशी द्वारा कोर्ट में याचिका दी गई है। बता दें कि लद्दाख के उपराज्यपाल ने गत 12 नवंबर को अधिवक्ता रियाज अहमद खान को एलएएचडीसी करगिल में चौथे नामित सदस्य के रूप नामित किया था।
बहुसंख्यक आबादी से संबधित का नहीं किया जा सकता नामांकन
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि नामांकन उस धर्म से नहीं किया जा सकता जो बहुसंख्यक आबादी से संबधित हों। उन्होंने 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए बताया कि करगिल में मुसलमानों की आबादी लगभग 77 और बौद्धों की आबादी लगभग 14 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि नामित सदस्य खान ने 2023 का लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद करगिल का चुनाव उस राष्ट्रीय राजनीतिक दल के टिकट पर लड़ा था तो वर्तमान में केंद्र में सत्तासीन है। इस तरह उक्त पार्टी केंद्र शसित लद्दाख प्रदेश के मामलों पर सीधा नियंत्रण रखती है।
उन्होंने कोर्ट से उपराज्यपाल द्वारा किए गए उक्त नामांकन को रद करने का आग्रह किया। अदालत ने अभी इस मामले की सुनवाई की तिथि तय नहीं की है।

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