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    राज्यसभा चुनाव के बाद NC को एक और झटका! पार्टी के ही सांसद ने खोला CM अब्दुल्ला के खिलाफ मोर्चा

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:13 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को राज्यसभा चुनाव के बाद एक और झटका लगा है। पार्टी सांसद आगा सैयद रुहुल्ला ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने अब्दुल्ला पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया और 2025 के विधानसभा चुनावों में नुकसान की आशंका जताई।

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    उमर अब्दुल्ला और सांसद आगा सैयद रुहुल्ला (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस में अब उमर अब्दुल्ला बनाम आगा सैयद रुहुल्ला की लड़ाई तेज होती जा रही है। सोमवार रात में सांसद रुहुल्ला पर टिप्पणी से नाराज उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ सड़क पर उतर आए। एक तरफ सांसद रुहुल्ला सीधा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को आरोपों के घेरे में ले रहे हैं और उन्हें अहंकार छोड़ने की सलाह दे रहे हैं।

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    वहीं, मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि बडगाम में सांसद के चुनाव प्रचार न करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उधर, उमर समर्थक विधायक अब सांसद से इस्तीफा मांगने लगे हैं।

    क्या है पूरा मामला?

    हुआ यूं कि नेकां के सांसद आगा सैयद रुहुल्ला लगातार उमर सरकार को विभिन्न विषयों पर घेर रहे हैं और बडगाम उपचुनाव से भी अभी तक दूरी बनाए हुए हैं। साथ ही सरकार पर जनभावनाओं के अनुरुप कार्य न करने के आरोप भी मढ़ रहे हैं।

    ऐसे में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बार-बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को राजौरी-अनंतनाग के सांसद मियां अल्ताफ ने भी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से जन कल्याण के मुद्दों पर फोकस करने की सलाह दी थी। इस पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में मियां अल्ताफ को वरिष्ठ नेता बताया पर आगा रुहुल्ला की उनसे तुलना न करने की मीडिया को सलाह दी।

    मुख्यमंत्री के बयान पर सांसद रुहुल्ला के समर्थकों में तीव्र प्रतिक्रिया हुई। नेकां के बागी सांसद कश्मीर में शिया समुदाय के एक बडे वर्ग के धर्मगुरु भी हैं।

    'आगा रुहुल्ला के खिलाफ कोई बात नहीं होगी सहन'

    बांदीपोरा के सोनावारी नौगाम व अन्य इलाकों में आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी के समर्थकों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। उन्होंने मुख्यमंत्री समेत सभी नेताओं केा चेतावनी देते हुए कहा कि आगा रुहुल्ला की प्रतिष्ठा के खिलाफ कोई भी बात सहन नहीं होगी।

    उधर, नेकां के वरिष्ठ नेता और अनंतनाग पश्चिम के विधायक अब्दुल मजीद लारमी मुख्यमंत्री के समर्थक में कूद पड़े और उन्होंने बागी सांसद को चुनौती देते हुए कहा कि वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया है। अगर यह सच है, तो वह सांसद की सीट से इस्तीफा दे दें और फिर से चुनाव लड़ें।

    लारमी ने आगे कहा कि राज्य का दर्जा बहाल हुए बिना बड़े राजनीतिक या आर्थिक फैसले लेना असंभव है। जब आटा नहीं है, तो रोटी कौन बनाएगा? लरमी ने बताया कि जो आर्थिक और प्रशासनिक शक्तियां पहले राज्य सरकार के पास थीं, वह अब केंद्र के पास हैं।

    बडगाम में रुहुल्ला के प्रचार न करने से कोई फर्क नहीं: उमर

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आगा सैयद रुहुल्ला के बड़गाम में चुनाव प्रचार न करने से कोई फर्क नहीं पड़ता। नेकां में जमीन से जुड़े कई नेता हैं। इसके साथ ही उन्होंने मियां अल्ताफ और आगा सैयद रुहुल्ला से जुड़े एक सवाल में कहा कि दोनों में कोई तुलना नहीं बनती, कहां मियां अल्ताफ और कहां आगा रुहुल्ला, कहां आसमां और कहां जमीन।

    वह यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि बड़गाम बेशक श्रीनगर के साथ सटा हुआ है, लेकिन बहुत पिछड़ा है। अगर बड़गाम पिछड़ा है तो इसके लिए वही लोग जिम्मेदार हैं जो एक लबे समय से इसकी नुमाइंदगी करते रहे हैं। उनका इशारा सीधा आगा रुहुल्ला पर था, क्योंकि वह वर्ष 2002 से 2018 तक बड़गाम के विधायक रहे हैं। अब श्रीनगर से सांसद हैं और बड़गाम भी इसका हिस्सा है।

    अहम से ऊपर उठ कार्य करे नेतृत्व: रुहुल्ला

    आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके समर्थकों पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व को व्यक्तिगत अहम से ऊपर उठकर जम्मू-कश्मीर के लोगों की तकलीफों और उम्मीदों पर ध्यान देना चाहिए। अगर वह इसे निजी बना रहे हैं और अहम के आधार पर लड़ना चाहते हैं, तो मैं भी तैयार हूं।

    उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर के मुद्दे अहम से कहीं ज़्यादा बड़े हैं। उन्होंने सरकार की राजनीतिक निष्क्रियता की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार से जिस इरादे की उम्मीद थी, वह गायब है।

    यहा आरंक्षण के मुद्दे पर यह चुप है, राजनीतिक कैदियों का आज यह जिक्र नहीं करते। नौकरियां कहां हैं? हमारे धर्म और संस्कृति पर हमला हो रहा है। क्या हम इसके खिलाफ लड़ते हैं? रुहुल्ला ने कहा कि मैने बगावत नहीं की है, मैंने जवाबदेही की मांग की है। मैं कुछ नहीं हूं। लोगों ने मुझे जो जनादेश दिया है, उसके अलावा मेरी कोई पहचान नहीं है।