'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल की जांच में हुआ खुलासा, 'कश्मीर में जैश और दुख्तरान-ए-मिल्लत में है रिश्ता'
जम्मू कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और दुख्तरान-ए-मिल्लत के रिश्तों की जांच के लिए छापेमारी की। एक जिहादी डॉक्टर और उसके पति पर महिला जिहादी ब्रिगेड बनाने का आरोप है। दुख्तरान-ए-मिल्लत एक कट्टरपंथी संगठन है, जिसकी अध्यक्ष आसिया अंद्राबी टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में है। यह संगठन कश्मीर में शरियत लागू करने का समर्थन करता है।

सुरक्षा एजेंसियां मॉड्यूल को खत्म करने के लिए कार्रवाई कर रही हैं।
नवीन नवाज, जागरण, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने आज श्रीनगर, कुलगाम और अनंतनाग में जैश-ए-मोहम्मद, दुख्तरान-ए-मिल्लत की रिश्तेदारियों के तार खंगालने के लिए विभिन्न जगहों पर छापेमारी की है। श्रीनगर के सुपर स्पेशिल्टी और एसएमचएचएस अस्पताल में भी इसी सिलसिले में जांच की गई है।
उक्त महिला जिहादी डॉक्टर का नाम शहजादा बताया जा रहा है। उसके पति का नाम डॉ. उमर फारुक है, जो वुगाम कुलगाम का रहने वाला है। वह डॉ. अदील और डॉ. मुजफ्फर का करीबी है। डॉ. उमर फारूक छन्नपोरा श्रीनगर में इरफान कालोनी नटीपोरा में मोहम्मद रमजान वानी के मकान में किराए पर रहता है। सीआइके ने इस मकान की तलाशी लेने के अलावा एसएमएचएस अस्पताल के न्यूरोसर्जरी वार्ड में डॉ. उमर फारूक के लॉकर की भी जांच की।
व्हाइट कॉलर माडयूल की जांच में हुआ खुलासा
संबधित अधिकारियों ने बताया कि वुगाम स्थित डॉ. उमर फारूक के घर से दो पासपोर्ट और बैंक पासबुक्स भी जब्त की हैं। लैपटाप, टैब और मोबाइल फाेन भी जांच के लिए जब्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गत माह नौगाम, श्रीनगर में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवतुल हिंद के व्हाइट कॉलर माडयूल की जांच के दौरान ही डॉ. शहजादा और डॉ. उमर फारूक का नाम सामने आया है।
जब इन दोनों के बारे में जांच की गई तो पता चला कि यह जैश और कश्मीर के महिला अलगाववादी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत के बीच एक बड़ी कड़ी है। दोनों मियां बीवी मिलकर कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के लिए महिला जिहादी ब्रिगेड तैयार करने में लगे हुए थे। इसके लिए वह दुख्तरान-ए-मिल्लत के नेटवर्क और उसके सदस्यों के साथ संपर्क बना, महिला जिहादियों के भर्ती कर रहे थे।
कौन है दुख्तरान-ए-मिल्लत?
दुख्तरान ए मिल्लत कश्मीर में महिला अलगाववादियों का सबसे कट्टरपंथी संगठन है इसकी अध्यक्ष आसिया अंद्राबी टेरर फंडिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद है। दुख्तरान ए मिल्लत खुलेआम कश्मीर में आतंकीहिंसा को जायज ठहराते हुए कश्मीरी आतंकियों केा मुजाहिद बताता है और उनकी हरप्रकार स मदद के लिए महिलाओं को आगे आने के लिए कहता है। दुख्तरान-ए-मिल्लत का मतलब है-इस्लाम की बेटियां। इसकी अध्यक्ष आसिया अंद्राबी की शादी डॉ कासिम फख्तू से हुई है।
शरियत बहाली की पक्षधर हैं अंद्राबी
डॉ. कासिम भी एक आतंकी कमांडर है और इस समय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। आसिया अंद्राबी कश्मीर में शरियत बहाली की पक्षधर हैं और इस्लाम के नाम पर कश्मीर के पाकिस्तान विलय की समर्थक हैं। उन्होंने कई मौको पर जैश-ए-मोहम्मद, आइएसआइएस, लश्कर और अन्य आतंकी संगठनों को खुलेआम समर्थन किया है।
हालांकि पुलिस के पास कोई पक्का ब्यौरा नहीं है, लेकिन दावा किया जाता है कि पूरे कश्मीर में दुख्तरान-ए-मिल्लत में लगभग दो हजार महिलाएं शामिल हैं। आसिया अंद्राबी के जेल जाने और दुख्तरान-ए-मिल्लत को गैर कानूनी घोषित किए जाने के बाद इसकी गतिविधियां प्रत्यक्ष तौर पर बंद समझी जाती हैं।

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