'डॉक्टरों ने क्यों चुना आतंकवाद का रास्ता?' नौगाम ब्लास्ट पर फारूक अब्दुल्ला का बयान, बोले- वह दिन कब आएगा जब...
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट पर दुख जताया और गहन जांच की मांग की। उन्होंने व्हाइट कॉलर मॉड्यूल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे कश्मीरी संदेह के घेरे में हैं। उन्होंने विस्फोट की परिस्थितियों और डॉक्टरों के आतंकवाद में शामिल होने पर भी सवाल उठाए।
-1763223592838.webp)
नौगाम ब्लास्ट पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट में नौ लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया। उन्होंने इसे एक गंभीर चूक बताते हुए इस त्रासदी की गहन जांच की मांग की।
इसके साथ ही उन्होंने व्हाइट कॉलर मॉडयूल पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि इससे एक बार फिर दिल्ली में हर कश्मीरी को शक की नजरों से देखा जाने लगा है, पता नहीं वह दिन कब आएगा जब वह मानेंगे कि हम हिंदुस्तानी हैं।
पत्रकारों के साथ बातचीत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार की रात को अचानक हुए धमाका कई सवाल पैदा करता है। इस त्रासदी में नौ लोगों की मौत हो गई है। विस्फोट से न केवल पुलिस स्टेशन को बल्कि आस-पास के घरों को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना कभी नहीं होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि अगर सावधानी बरती गई होती तो नौ अमूल्य जानो का नुकसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि व्हाइट कॉलर मॉडयूल से बरामद विस्फोटकों की जांच विशेषज्ञों की निगरानी में होनी चाहिए थी। यह हमारी गलती है, इसके लिए आप किसी दूसरे को दोषी नहीं ठहरा सकते। विस्फोटकों की जांच करने से पहले उन लोगों की राय लेनी चाहिए थी जो इनके बारे में अच्छी तरह से जानते हैं।
हमें पहले उनसे बात करनी चाहिए थी कि इससे कैसे निपटा जाए, बजाय इसके कि हम खुद इसे संभालने की कोशिश करें। आपने नतीजा देखा। नौ लोगों की जान चली गई। हाल ही में हुए दिल्ली विस्फोट मामले का जिक्र करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी एक बार फिर संदेह के घेरे में आ गए हैं।
हम दिल्ली के संकट से अभी उबर नहीं पाए हैं जहां हर कश्मीरी पर उंगलियां उठाई जा रही हैं। वह दिन कब आएगा जब वह मानेंगे कि कि हम हिंदुस्तानी हैं और ऐसी घटनाओं के लिए बम धमाकों के लिए आम कश्मीरी, हम लोग जिम्मेदार नहीं हैं।
उन्होंने उन परिस्थितियों पर भी सवाल उठाया जिनके कारण गिरफ़्तार डाक्टरों ने आतंकवाद का रास्ता चुना। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जिम्मेदार लोगों से पूछिए कि इन डाक्टरों को यह रास्ता क्यों अपनाना पड़ा। क्या कारण था? इसकी गहन जांच की, आत्मनिरीक्षण की भी जरूरत है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।