हजरतबल दरगाह में क्यों मचा है बवाल? जानिए क्या है इसका इतिहास, संजय दत्त की फिल्म में भी आ चुकी है नजर
श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में ईद-ए-मिलाद के जश्न के दौरान शुक्रवार को बवाल हो गया। बेकाबू भीड़ ने दरगाह परिसर में अशोक स्तंभ पर पत्थरबाजी की। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने इस घटना को आतंकवादी हमला बताया। हजरतबल दरगाह जहां पैगंबर मुहम्मद की दाढ़ी के बाल रखे गए हैं मुसलमानों के लिए एक पवित्र स्थल है।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। ईद-ए-मिलाद के जश्न के बीच श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक हजरतबल दरगाह में शुक्रवार को बड़ा बवाल हो गया। बेकाबू भीड़ ने हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ पर पत्थरबाजी की गई। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने कहा कि राष्ट्रीय चिन्ह को तोड़ना किसी आतंकवादी हमला से कम नहीं है।
बता दें कि पवित्र हजरतबल दरगाह की काफी मान्यता है। मुस्लिम लोग इस मस्जिद का बहुत सम्मान करते हैं। जम्मू-कश्मीर टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (JKTDC) की वेबसाइट के मुताबिक, इस दरगाह में पैगंबर मुहम्मद की दाढ़ी के बाल रखे गए हैं। इसे असर-ए-शरीफ़, दरगाह शरीफ और मदीन-उस-सानी के नामों से भी जाना जाता है।
11 साल में हुआ था दरगाह का निर्माण
इस दरगाह का निर्माण 1968 में मुस्लिम औकाफ ट्रस्ट के शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की देखरेख में शुरू हुआ था। गुंबददार संरचना वाली इस सफेद संगमरमर की इमारत का निर्माण 1979 में पूरा हुआ था। इसे बनाने में कुल 11 साल लगे थे।
इस मस्जिद का इतिहास 17वीं शताब्दी से जुड़ा है। आज जिस स्थान पर यह मस्जिद स्थित है, वहां मूल रूप से इशरत महल और एक बगीचा था, जिसका निर्माण 1623 में शाहजहां के सूबेदार सादिक खान ने करवाया था। जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए काफी भीड़ होती है। खास अवसरों पर यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
फिल्म लम्हा में आई थी नजर
हजरतबल दरगाह को 2010 में आई बॉलीवुड फिल्म 'लम्हा' में दिखाया गया था। इस फिल्म में संजय दत्त, बिपाशा बसु, कुणाल कपूर और अनुपम खेर ने काम किया था।
चांदी जैसी चमकती है दरगाह
महिलाओं को मस्जिद के केवल पहले हिस्से तक ही जाने की अनुमति है। जैसे ही आप इसके गलियारों से गुजरेंगे तो इसके कला को देखकर दंग रह जाएंगे। डल झील के किनारे पर स्थित दरगाह चांदी जैसी चमक रही है। शिकारा से होते हुए भी यहां पहुंच सकते हैं।
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