भूस्खलन का भेंट चढ़ा मकान, शादी के बाद पति के साथ टेंट में रहने को मजबूर हुई नई नवेली दुल्हन
उधमपुर के तिरछी गांव में भूस्खलन से प्रभावित एक परिवार में, दुल्हन शादी के बाद अपना पक्का घर छोड़कर टेंट में रहने चली गई। दुल्हन ने सरकार से घर बनाने या जमीन देने की गुहार लगाई है। प्राकृतिक आपदा में दूल्हे का घर नष्ट हो गया था, जिसके बाद परिवार टेंट में रहने को मजबूर हो गया। दुल्हन ने कहा कि वह अपने पति के साथ हर परिस्थिति में रहेगी और उसे सरकार से मदद की उम्मीद है।
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उधमपुर में शादी के बाद दुल्हन ने छोड़ा अपना पक्का घर, टेंट में किया प्रवेश
जागरण संवाददाता, उधमपुर। भूस्खलन की भेंट चढ़ने के बाद टेंटों में बसे तिरछी गांव में एक शादी टेंट में हुई। शादी होने के बाद युवती नई दुल्हन बन कर अपने पक्के मकान को छोड़ अपने पति के साथ टेंट में बने घर में पहुंच गई। युवती का कहना है कि अब मेरे पति का घर ही मेरा घर है। हमारी सरकार व प्रशासन से अपील है कि हमें मकान बना कर दें या फिर मकान बनाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाए।
लाटी की रहने वाली नई नवेली दुल्हन सोनाली देवी ने बताया कि मेरी शादी शुभम के साथ 26 अगस्त से पहले ही तय हो गई थी। प्राकृतिक आपदा में शुभम का घर भूस्खलन की भेंट चढ़ गया और पूरा परिवार टेंट में रहने को मजबूर हो गया। इसी बीच हमारी शादी की तारीख आ गई।
मेरे पिता ने मुझे समझाया कि जहां पर तेरा रिश्ता किया है, शादी भी वहीं पर होगी। अब तुझे सुख और दुख में अपने पति के साथ ही रहना है। पिता की सीख के बाद हमारी शादी धूमधाम से हुई, लेकिन अब मुझे अपने पति के साथ टेंट में ही रहना है। उन्होंने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि टेंट से जीवन के नए सफर की शुरूआत करनी पड़ेगी।
उम्मीद है कि सरकार जल्द जमीन और मकान बनाकर देगी और हमारा जीवन अच्छे से कटेगा। वहीं, शुभम ने कहा कि मुझे सोनाली के रूप में सुख दुख में साथ देने वाली पत्नी मिली है। कुदरत के कहर के कारण हमारा आशियाना उजड़ गया है। हमारी सारी जमीन बर्बाद हो चुकी है।
अब हमें केवल सरकार से मिलने वाली मदद का ही इंतजार है। सरकार अगर मकान बना कर देती है या फिर जमीन देती है तो ही हम जीवन की बेहतर शुरूआत कर सकते हैं। सरकार को अब तो हमारे बारे में सोच कर पुनर्वास के लिए कोई योजना तैयार करनी चाहिए।

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