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    फार्मा कंपनी से नशे की सप्लाई! 32 हजार बोतल Codeine Cough Syrup की अवैध बिक्री का खुलासा, बोकारो स्टील थाना में FIR

    By Manik Chandra Singh Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 09:15 AM (IST)

    Codeine Cough Syrup: झारखंड के बोकारो में कोडिन युक्त कफ सिरप का बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें न्यू सन फार्मा पर 32 हजार बोतलों की अवैध सप्लाई का आरोप है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और फार्मा कंपनी पर संदेह जताया जा रहा है। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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    न्यू सन फार्मा में जांच करती औषधि निरीक्षक पुतली बिलुंग। (फोटो जागरण)

    जागरण संवाददाता, चास (बोकारो)। झारखंड के बोकारो में कोडिन युक्त कफ सिरप की बड़ी अवैध खेप और फर्जी बिलिंग का मामला सामने आया है। औषधि निरीक्षक पुतली बिलुंग की जांच में खुलासा हुआ कि न्यू सन फार्मा द्वारा करीब 32 हजार बोतल ‘न्यू फेनसिडिल’ कफ सिरप का गैरकानूनी व्यापार किया गया था। साथ ही बोकारो के कई प्रतिष्ठानों को 4 हजार कोडिन आधारित दवाएं फर्जी विक्रय बिलों के माध्यम से सप्लाई की गईं।

    जांच में स्पष्ट हुआ कि प्रतिबंधित कोडिन युक्त दवाओं की तस्करी कर इन्हें नशे के रूप में अन्यत्र बेचा जा रहा था। मामले के मुख्य आरोपी एवं फर्म के स्वत्वाधिकारी आर्यन सिंह के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अंतर्गत बोकारो स्टील सिटी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

    औषधि निरीक्षक पुतली बिलुंग ने बताया कि कार्रवाई के तहत आर्यन सिंह के जोशी कॉलोनी, लकड़ा खंडा स्थित आवास पर संयुक्त छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान कोडिन युक्त कफ सिरप की 5 बोतलें और विंग्स कंपनी के 33 ढक्कन बरामद किए गए।

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    विंग्स कंपनी कोडिन आधारित दवाओं के निर्माण से जुड़ी हुई है। बरामद चार बोतलों पर लेबल सही तरीके से अंकित नहीं था, जिसे अवैधता और छेड़छाड़ का स्पष्ट प्रमाण माना गया। सभी सामग्री जब्त कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

    छापेमारी में कार्यपालक दंडाधिकारी जया कुमारी, पुलिस बल और औषधि विभाग की टीम शामिल रही। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई बोकारो में नशे की अवैध सप्लाई के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश है।

    जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इतनी भारी मात्रा में कोडिन आधारित दवाएं किन चैनलों के जरिए बेची जा रही थीं और इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं।