Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    chatra Politics: बिहार चुनाव में चतरा के नेताओं की अग्निपरीक्षा, कई की प्रतिष्ठा दांव पर

    By Julqar Nayan Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sun, 02 Nov 2025 11:50 PM (IST)

    बिहार चुनाव 2025 चतरा के नेताओं के लिए एक अग्निपरीक्षा है। सांसद - विधायक, पूर्व सांसद समेत कई दिग्गज चुनाव क्षेत्र में पसीना बहा रहे हैं।  कई नेताओं की प्रतिष्ठा इस चुनाव परिणाम पर निर्भर है। चुनाव परिणाम जिले के कई नेताओं के भविष्य को प्रभावित करेगा।

    Hero Image

    चतरा के दिग्गज नेता इन दिनों बिहार में अपनी अग्निपरीक्षा दे रहे हैं

    जुलकर नैन, चतरा। चतरा के दिग्गज नेता इन दिनों बिहार की सियासी फिजां में अपनी अग्निपरीक्षा दे रहे हैं। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी के नेता अपने-अपने दलों के उम्मीदवारों के समर्थन में पूरी ताकत झोंके हुए हैं। चुनावी रण में माहौल ऐसा है कि नेताओं ने पर्व-त्योहार तक को दरकिनार कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा सांसद काली चरण सिंह, स्थानीय लोजपा (रामविलास) के विधायक जनार्दन पासवान, सिमरिया के भाजपा विधायक कुमार उज्ज्वल दास, राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव व पूर्व मंत्री सत्यानंद भोगता, भाजपा के पूर्व सांसद सुनील कुमार सिंह, सिमरिया के पूर्व विधायक किशुन दास सहित भाजपा, राजद, लोजपा और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिहार के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार अभियान में व्यस्त हैं।

    सभी का लक्ष्य एक ही है-अपनी पार्टी को मजबूती देना और बिहार की सियासत में अपनी राजनीतिक हैसियत को साबित करना। बिहार का यह चुनाव चतरा की राजनीति के लिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि नतीजे कई नेताओं के भविष्य की दिशा तय करेंगे।

    सांसद काली चरण सिंह पिछले पंद्रह दिनों से सासाराम में कैंप किए हैं। पार्टी नेतृत्व ने सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों का दायित्व सौंपा है। लोजपा विधायक जनार्दन पासवान को संगठन ने चतरा जिले के सीमावर्ती बिहार विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार का दायित्व दिया है।

    गया जिले के गयाजी, शेरघाटी, मखदूमपुर व बोधगया में जन संपर्क अभियान चला रहे हैं। गयाजी में गठबंधन से भाजपा उम्मीदवार मैदान में है। जबकि शेरघाटी, मखदूमपुर व बोधगया से लोजपा का उम्मीदवार मैदान में हैं। सिमरिया भाजपा विधायक कुमार उज्ज्वल दास को फिलहाल कहीं पर नहीं लगाया गया है।

    वैसे संभावना है कि एक से दो दिनों में मगध के क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। राष्ट्रीय जनता दल के झारखंड प्रदेश प्रधान महासचिव सह पूर्व मंत्री सत्यानंद भोगता शेरघाटी, इमामगंज, फतेहपुर और गया जी से राजद एवं महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं।

    वहीं भाजपा के पूर्व सांसद सुनील कुमार सिंह कटिहार जिला की कमान संभाले हुए हैं। जबकि सिमरिया के पूर्व विधायक किशुन कुमार दास बक्सर में भाजपा व गठबंधन के उम्मीदवारों की जीत के लिए पसीना बहा रहे हैं।

    राजद जिला अध्यक्ष नवल किशोर यादव, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा, लोजपा के जिला अध्यक्ष गौरी शंकर यादव एवं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रदेव गोप भी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

    इस प्रकार चतरा की राजनीति में एक प्रकार से सन्नाटा पसरा हुआ है। सांसद, विधायक एवं पूर्व मंत्री के आवासों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

    चतरा की बेटी बांकीपुर से आजमा रहीं भाग्य

    चतरा सदर प्रखंड के बधार गांव निवासी कुलेश्वर साहू की पुत्री रेखा कुमारी गुप्ता बिहार विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रही हैं। राष्ट्रीय जनता दल की ओर बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं। रेखा कुमारी गुप्ता की शादी रंजय कुमार से वर्ष 2000 में हुई है।

    शादी के बाद से ही रेखा राजनीति में सक्रिय हो गई। वर्ष 2004 में पटना में महापौर का चुनाव लड़ी थी। चुनाव जीत नहीं पाई थीं। लेकिन स्वयं को सक्रिय राजनीति में स्थापित करने में सफल हो गईं।

    लंबे समय तक कांग्रेस में रही। सीट शेयरिंग में बांकीपुर राजद के हिस्से में चला गया। ऐसे में वह राजद में शामिल हो गईं और पार्टी का उम्मीदवार बन गईं।

    चतरा के पूर्व सांसद गयाजी से उम्मीदवार

    चतरा संसदीय क्षेत्र से तीन बार लोकसभा में नेतृत्व करने वाले धीरेंद्र अग्रवाल बिहार विधानसभा चुनाव में गयाजी से भाग्य आजमा रहे हैं। जन सुराज पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। धीरेंद्र अग्रवाल ने वैसे तो अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस से प्रारंभ किया था। लेकिन बाद में वे भाजपा में चले गए।

    भाजपा उम्मीदवार की हैसियत वे चतरा संसदीय क्षेत्र से वे 1996 में पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे। उसके बाद वर्ष 1998 का चुनाव भी जीता। लेकिन 1999 का चुनाव हार गए। 2004 का लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो वे राजद से उम्मीदवार बने और चुनाव जीत गए।