झारखंड में यहां बिछेगी नई रेलवे लाइन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी; 1000 करोड़ रुपये होंगे खर्च
संताल परगना में विकास की गति तेज हो रही है केंद्र सरकार बासुकीनाथ-चितरा रेल लाइन का पूरा खर्च उठाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से रेल परियोजनाओं का विस्तार हो रहा है। पीएम गति शक्ति योजना के तहत इस 37 किलोमीटर लंबी परियोजना पर 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राशि न देने के कारण यह परियोजना बंद हो गई थी।
जागरण संवाददाता, देवघर। संताल परगना के विकास की रफ्तार तेज होती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण संताल का चहुंमुखी विकास हो रहा है। रेल की परियोजनाएं बढ़ती ही जा रही है। पीएम गति शक्ति योजना के कारण बासुकीनाथ-चितरा जोड़ामो लाइन का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। बासुकिनाथ-चितरा जोड़ामो रेल लाइन पर एक हजार करोड़ खर्च होगा। और 37 किलोमीटर के इस रेल परियोजना की पूरी राशि केंद्र सरकार देगी।
सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि बासुकिनाथ-चितरा जोड़ामो रेल लाइन परियोजना जो राज्य सरकार द्वारा राशि नहीं देने के कारण बंद हो गयी थी उसे प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के पैसे से बनाने का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री संताल परगना, अंग प्रदेश खासकर गोड्डा लोकसभा को दशहरा, दीपावली एवं छठ पूजा का लगातार तोहफा दे रहे हैं।
सांसद ने कहा कि संताल परगना जैसे पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव प्रतिबद्ध हैं। रेल मंत्री ने सांसद को पत्र लिखकर यह जानकारी दी कि यह प्रोजेक्ट स्वीकृत है। भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है। जानकारी हो कि इस प्रोजेक्ट के लिए 267 करोड़ रुपया भूमि अधिग्रहण मद में पहले ही केंद्र सरकार ने आवंटित कर दिया था। जिसमें कार्य भी हुआ और शेष कार्य चल रहा है।
रेल प्रोजेक्ट से क्षेत्र का होगा विकास
बासुकीनाथ-चितरा रेल लाइन का प्रोजेक्ट केंद्र सरकार ने फरवरी 2017 में स्वीकृत किया था। परियोजना से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। एक तरफ चितरा से कोयला ढुलाई की समस्या जड़ से समाप्त होगी। जो अभी सड़क मार्ग से जामताड़ा जा रहा है। दूसरा चितरा के रास्ते बासुकीनाथ और उधर जोरामो से कनेक्शन होगा। जो देवघर-दुमका रेल लाइन और दूसरी ओर दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन को कनेक्ट करेगा।
तब यात्री ट्रेन से क्षेत्र के लोगों को सुलभ और सस्ता रेल यात्रा करने का अवसर मिलेगा। यह प्रोजेक्ट 800 करोड़ का था जो एक हजार करोड़ का हो गया। यह तय नहीं हो सका कि राज्य सरकार 50-50 के कास्ट शेयरिंग पर कितना देगी। जबकि राज्य सरकार ने सितंबर 2017 में अपना कंसेंट दे दिया तब भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हुआ।
पूर्व रेलवे ने भूमि अधिग्रहण में 300 करोड़ रुपया खर्च कर दिया। सूत्रों के मुताबिक रेलवे बोर्ड ने अप्रैल 2022 में झारखंड सरकार को एमओयू करने के लिए आग्रह पत्र भेजा। लेकिन एमओयू नहीं हो सका । परियोजना अटक गया था। एक साल से लगातार सांसद डॉ. निशिकांत दुबे प्रयासरत थे। वह लगातार रेल मंत्री से इस प्रोजेक्ट पर मिलते रहे। इसके साथ साथ नई रेल परियोजना पर चर्चा करते रहे।
जब राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया तब पीएम गति शक्ति योजना के तहत इस प्रोजेक्ट को लिया गया। दरअसल, केंद्र सरकार ने एक पालिसी बनाया है। यदि किसी प्रोजेक्ट में राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिलता है और वह प्रोजेक्ट जनता के व्यापक हित में है तो केंद्र सरकार उस प्रोजेक्ट की पूरी राशि देगी। योजना हर हाल में पूरी होगी। यही कारण है कि एक एक कर सारी परियोजनाएं मोदी सरकार पूरा करा रही है।
झारखंड सरकार के द्वारा अपने हिस्से की राशि नहीं देने के कारण बासुकीनाथ-चितरा-जोरामो रेल लाइन परियोजना बंद हो गयी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बासुकीनाथ-चितरा-जोरामो रेल लाइन परियोजना भारत सरकार के पैसे से बनाने का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री लगातार संताल परगना, अंग प्रदेश खासकर गोड्डा लोकसभा को दशहरा, दीपावली एवं छठ पूजा का तोहफा दे रहे हैं। रेल मंत्री भी पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। - डॉ. निशिकांत दुबे, सांसद गोड्डा
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