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    DMC Elections: नगरपालिका अधिनियम में संशोधन होते ही खत्म हुई डिप्टी मेयर के दावेदारों की उछल-कूद, अब मेयर के लिए जोड़-तोड़

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Wed, 25 Aug 2021 08:51 AM (IST)

    Dhanbad Municipal Corporation elections इस साल के अंत तक होने वाले धनबाद नगर निगम चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है। मेयर का चुनाव गैर दलीय होगा तो डिप्ट ...और पढ़ें

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    चंद्रशेखर अग्रवाल, राज सिन्हा, पीएन सिंह, शमशेर आलम, सावित्री देवी और मन्नान मल्लिक ( फाइल फोटो)।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड नगरपालिक अधिनियम-2018 में संशोधन होते ही धनबाद नगर निगम चुनाव को लेकर समीकरण बदल गए हैं। सबसे ज्यादा झटका डिप्टी मेयर के दावेदारों को लगा है। मेयर पद ओबीसी के लिए आरक्षित होने के कारण सामान्य जाति समेत सभी जातियों से डिप्टी मेयर के दावेदारों ने उधम मचा रखा था। धनबाद का राजनीतिक माैहाल तल्ख था। सभी राजनीतिक दलों में टिकट के दावेदारों के बीच आपस में ही तलवारें खिंची हुई थीं। लेकिन नगरपालिका अधिनियम में संशोधन के बाद अब डिप्टी मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से नहीं होगा। धनबाद नगर निगम के चुने हुए 55 वार्ड पार्षद की अपने बीच से किसी एक का चुनाव डिप्टी मेयर के लिए करेंगे। ऐसे में डिप्टी मेयर के तमाम दावेदार अब ठंडे पड़ गए हैं। अब मेयर और पार्षद के चुनाव होंगे। निर्वतमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल समेत तमाम भावी प्रत्याशी मेयर चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

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    सितंबर-अक्टूबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है। मेयर का चुनाव गैर दलीय होगा तो डिप्टी मेयर पार्षद चुनेंगे। इसके साथ ही निगम पर कब्जे की बिसात भी बिछने लगी है। समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। मेयर पद के दावेदार अब सामने आने लगे हैं। दलीय आधार पर चुनाव न होने की जानकारी मिलते ही दावेदारों ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो से तमाम लोग मेयर पद काबिज होने का सपना देख रहे हैं। पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल तो मेयर पद के लिए बहुत पहले ही अपनी दावेदारी कर चुके हैं। अभी तक पर्दे के पीछे से दावा ठोक रहे पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वो मेयर का चुनाव लड़ेंगे। पूर्व मंत्री विकास के लिए मेयर पद पाना चाहते हैं तो पूर्व मेयर अपने कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों का हवाला देते हुए एक बार फिर से सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। इन सबके बीच भाजपा और कांग्रेस के अंदरखाते भी कई चेहरे मेयर पद पाने का ख्वाब देख रहे हैं।

    भाजपा की बात करें विधायक राज सिन्हा के करीबी पूर्व पार्षद अंकेश राज मेयर के लिए अभी भी ताल ठोक रहे हैं। सुनने में यह भी आ रहा है कि बाघमारा विधायक ढुलू महतो की पत्नी सावित्री देवी भी मेयर पद की रेस में है। अंकेश राज सावित्री देवी के लिए मेयर सीट की दावेदारी छोड़ सकते हैं। पूर्व सांसद रीता वर्मा के करीबी भृगुनाथ भगत और झरिया के राजकुमार अग्रवाल भी मेयर के लिए दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस में दावेदारों की भरमार है। पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र वर्मा, ओबीसी प्रकोष्ठ के मनोज यादव, सूचना प्रकोष्ठ के प्रसाद निधि और पिछली दफा चुनाव लड़कर दूसरे नंबर पर रहे शमशेर आलम भी मेयर के लिए दावा कर रहे हैं। जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका मेयर की दावेदारी पेश कर रहे हैं।