Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    BCCL officers, राजनीति और कोयला कारोबार के गठजोड़ पर ईडी का बड़ा वार, जानें-कौन हैं LB Singh

    By Mritunjay PathakEdited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 11:03 AM (IST)

    ED Raid In Dhanbad: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजनीति और कोयला कारोबार के गठजोड़ पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एलबी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी यह जांच कर रही है कि एलबी सिंह का कोयला कारोबार और राजनीति से क्या संबंध है और क्या इस गठजोड़ में कोई गैरकानूनी गतिविधि शामिल है। आगे की जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है।

    Hero Image

    धनबाद के कोयला कारोबारी एलबी सिंह के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। कोल इंडियी की अनुषंगी कंपनी Bharat Coking Coal Limited (BCCL) में कोयला खनन के ठेके में वर्चस्व स्थापित करने के बाद धनबाद कोयलांचल की राजनीति में पैठ बनाने की कोशिश कर रहे एलबी सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एलबी सिंह के खिलाफ ईडी ने शिकंजा कस दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला माफिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई शुरू की। दोनों राज्यों में करीब 40 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। कार्रवाई का फोकस धनबाद की देव-प्रभा कंपनी का मालिक एलबी सिंह बताए जा रहे हैं।

    धनबाद, झारखंड का कोयला हब है और लंबे समय से यहां राजनीति और कोयला कारोबार का गठजोड़ सत्ता की जमीन तैयार करता रहा है। इसी पृष्ठभूमि में एलबी सिंह का नाम हमेशा चर्चा में रहा है। एलबी सिंह मूल रूप से यूपी के बलिया के रहने वाले हैं। 

    एलबी ने खनन कारोबार में बढ़ती पकड़ के बाद राजनीतिक जमीन पर भी कदम रखे, खासकर भाजपा से नजदीकियां बढ़ाईं। 2024 विधानसभा चुनाव के दौरान सिंह ने धनबाद सीट से भाजपा का टिकट पाने की जोरदार कोशिश की थी।

    टिकट के लिए रायशुमारी के दौरान उनके समर्थकों और भाजपा विधायक राज सिन्हा समर्थकों के बीच टकराव भी हो चुका है। हालांकि पार्टी ने टिकट राज सिन्हा को ही दिया। बाद में एलबी सिंह ने भाजपा प्रत्याशी को जिताने की अपील भी की, जिससे संकेत मिला कि वह राजनीति में लंबे खेल की तैयारी में हैं।

    ईडी के शिकंजे में केवल धनबाद ही नहीं, बल्कि कोलकाता, दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा जैसे शहरों में भी कोयला कारोबारियों के ठिकानों पर तलाशी जारी है। ईडी अवैध कोयला खनन, चोरी, तस्करी और मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है।

    अवैध कोयले के रैकेट में भारी कैश फ्लो, नकली बिलिंग और राजनीतिक फंडिंग जैसी गतिविधियाँ सामने आई हैं। जांच एजेंसी इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही है कि कोयले की कमाई का कितना हिस्सा राजनीति में निवेश हुआ।

    विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कार्रवाई सिर्फ माफिया नेटवर्क पर ही नहीं, बल्कि राजनीति और कोयला कारोबार के गठजोड़ पर भी बड़ा वार है। ईडी की छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब झारखंड में राजनीतिक माहौल तेजी से बदल रहा है। इस गठजोड़ में कोल इंडिया और बीसीसीएल के अधिकारी भी शामिल हैं। 

    ऐसे में यह कार्रवाई कई नेताओं और कारोबारियों की नींद उड़ाने वाली साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में ईडी की पूछताछ और गिरफ्तारियों से कई नए नाम भी सामने आ सकते हैं, जो कोयला से राजनीति की काली सुरंग का खुलासा करेंगे।