केंदुआडीह गैस रिसाव पर PMO गंभीर, कोयला मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम धनबाद पहुंची; स्थिति का लेगी जायजा
केंदुआडीह गैस रिसाव की घटना पर पीएमओ ने गंभीरता दिखाई है। कोयला मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय टीम धनबाद पहुंची है। यह टीम स्थिति का जायजा लेगी और घटना की ...और पढ़ें

कोयला मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम धनबाद पहुंची
आशीष अंबष्ठ, धनबाद। धनबाद की केंदुआडीह कोलियरी के राजपूत बस्ती में तीन दिसंबर हुए गैस उत्सर्जन की घटना में दो महिला की मौत के साथ बड़ी आबादी के प्रभावित होने के मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय तक गंभीर है।
बुधवार सुबह कोयला मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम धनबाद पहुंची। इसमें कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सनोज कुमार झा, कोल इंडिया के तकनीकी निदेशक अच्युत घटक, कार्यकारी निदेशक समन्वय आलोक ललित शामिल है।
प्रभावित लोगों से सीधे संवाद
वे यहां प्रभावित लोगों से सीधे संवाद कर स्थिति का जायजा लेंगे। साथ ही किए जा रहे कार्यों को लेकर भी समीक्षा करेंगे। टीम सीधे प्रभावित क्षेत्र गई । यहां पुराना जीएम बंगला, राजपूत बस्ती, कंट्रोल रूम, अस्पताल सहित कई क्षेत्रों का दौरा करेगी।
बीसीसीएल के सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल, सीएमपीडीआई एल के चयनित सीएमडी चौधरी शिव राज सिंह, निदेशक मानव संसाधन मुरली कृष्ण रमैया, तकनीकी निदेशक निलांद्री राय, संजय कुमार सिंह, सीएमडीआई के रीजनल डायरेक्टर एस कुमार आदि के साथ बैठक होगी। इसमें कई एक्सपर्ट को भी बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र
इधर कोयला मंत्री रेड्डी ने पूरे मामले को लेकर गृह मंत्रालय, झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी पत्र लिखा है। केंदुआडीह राजपूत बस्ती की स्थिति को लेकर चार चार मंत्रालय की टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है। कोयला, श्रम व रोजगार मंत्रालय के साथ गृह मंत्रालय भी गंभीर हो गई है। झारखंड सरकार को लिखे गए पत्र में राजपूत बस्ती की पूरी स्थिति से अवगत कराया गया है।
बताया जाता है कि इसमें काफी खतरा के साथ पीपीएम की बढ़ रही स्थिति को लेकर भी जिक्र किया गया है।कार्बन मोनोआक्साइड रिसाव को लेकर आइआइटी आइएसएम, सिंफर, सीएमपीडीआइएल, डीजीएमएस, पीएमआरसी जैसी वैज्ञानिकों संस्थानों से अध्ययन करा रही है।
करीब तीन हजार आबादी प्रभावित
बीसीसीएल सीएमडी अग्रवाल ने कहा कि करीब तीन हजार आबादी प्रभावित है। पांच सौ परिवार को शिफ्ट करना होगा। जरेडा के तहत सारी सुविधा बेलगड़िया में दी जा रही है। जानमाल की क्षति न हो यह प्राथमिकता में है। उनका सुरक्षा पर विशेष ध्यान है।

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