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    झारखंड में SIR के पहले चल रहा ये काम, कट सकते हैं अवैध मतदाताओं के नाम

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 02:42 PM (IST)

    झारखंड में गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR in Jharkhand) से पहले मतदाता सूची को दुरुस्त करने का काम चल रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग अवैध मतदाताओं की पहचान कर उनके नाम हटाने की प्रक्रिया में है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को सटीक और विश्वसनीय बनाना है, ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष हो सके।

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    वोटर लिस्ट में छंटनी जारी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, धनबाद। जिले में मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण यानी SIR के पहले प्री एसआईआर का काम तेजी से चल रहा है। जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में दो हजार से अधिक बीएलओ के माध्यम से प्री SIR कराया जा रहा है।

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    जिला निर्वाचन शाखा की ओर से भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर प्री एसआईआर के तहत अभी वोटर लिस्ट की मैपिंग का काम चल रहा है। इसमें वर्ष 2003 के मतदाता सूची को आधार बनाते हुए सत्यापन किया जा रहा है। पहली मैपिंग में वर्ष 2003 के मतदाता सूची से करेंट मतदाता सूची का मिलान किया गया है।

    दूसरी मैपिंग में 2025 की वोटर सूची को पांच अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर मैपिंग हुई है, जबकि तीसरी मैपिंग के चल रहे काम में बीएलओ ऐप के माध्यम से सत्यापन किया जा रहा है।

    इसमें बीएलओ ऐप के जरिए आनलाइन सत्यापन हो रहा है। इस प्रक्रिया में करेंट मतदाता सूची के साथ वर्ष 2003 के मतदाता सूची को टैग किया जा रहा है। मैपिंग पूरी होने पर ऐप में ग्रीन सिग्नल हो जाएगा।

    42 फीसदी मैपिंग कर ली गई ऑनलाइन

    धनबाद में कुल वोटरों की संख्या का 42 फीसदी मैपिंग को ऑनलाइन किया जा चुका है। उप निर्वाचन पदाधिकारी कालिदास मुंडा ने बताया कि तीसरी मैपिंग में बीएलओ ऐप के माध्यम से मैपिंग की जा रही है। अब तक 45 प्रतिशत मैपिंग हो चुकी है।

    निर्वाचन शाखा का कहना है कि दिसंबर मध्य तक मैपिंग का काम 90 से 95 प्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा। जिन मतदाताओं की मैपिंग यानी सत्यापन का काम पूरा नहीं हो पाएगा, उनका एसआईआर के दौरान सत्यापन का मौका मिलेगा।

    प्री SIR में लगे हैं 2372 बीएलओ

    जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्री एसआईआर के काम में 2372 बीएलओ लगे हैं। इन बीएलओ के माध्यम से ही प्री SIR का काम कराया जा रहा है। बीएलओ की मॉनीटरिंग के लिए 20 AERO को, जबकि सभी विधानसभा में मानिटरिंग के लिए 6 ERO को जिम्मेदारी दी गई है।

    बाकी प्री एसआईआर के काम में जिला निर्वाचन पूरी मानिटरिंग कर रहा है। उप निर्वाचन अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि प्री एसआइआर के दौरान मतदाता अपने अपने मतदाताओं से संपर्क कर अपना नाम जरूर दर्ज कराएं।

    जानिए क्या है SIR?

    एसआइआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण भारत निर्वाचन आयोग की एक प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची को घर-घर जाकर बड़े पैमाने पर सत्यापित किया जाता है।

    इसका मकसद सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और विश्वसनीय बनाना है, ताकि योग्य मतदाता शामिल हो सकें और गलत या डुप्लिकेट प्रविष्टियां हट सकें। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि मतदाता सूची में फर्जी, मृत या घुसपैठिए को हटाया जाए।

    एसआईआर के पहले प्री एसआईआर में पूरे जिले में काम चल रहा है। अभी मैपिंग के काम में बीएलओ ऐप के जरिए सत्यापन हो रहा है। समय समय पर बीएलओ को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं। कोशिश है कि कोई वैध मतदाता का नाम सूची से न हटे व न छूटे। -कालिदास मुंडा, उप निर्वाचन पदाधिकारी, धनबाद