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    बिहार-झारखंड-बंगाल को जोड़ने वाली रेल लाइन होगी डबल, टोटल लंबाई 177 KM; 3179 करोड़ रुपये होंगे खर्च

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 08:17 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट सिंगल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है। 177 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर लगभग 3169 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेल लाइन का दोहरीकरण हो जाने के बाद इस व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन सुगम और सुरक्षित होगा। इससे बाबा बैद्यनाथ धाम और तारापीठ शक्ति पीठ से रेल संपर्क बेहतर होगा।

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    बिहार-झारखंड-बंगाल को जोड़ने वाली रेल लाइन होगी डबल

    अरविंद कुमार, हंसडीहा (दुमका)। केंद्र सरकार ने बिहार- झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट सिंगल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को हरी झंडी दे दी है।

    177 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर लगभग 3,169 करोड़ रुपये खर्च होगा। इस परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद आमजनों में खुशी है।

    वर्तमान में सिंगल लाइन रहने के कारण ट्रेन को क्रासिंग कराने में वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेन को कई बार काफी समय तक स्टेशन में खड़ा करना पड़ता था।

    रेल लाइन का दोहरीकरण हो जाने के बाद इस व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन सुगम और सुरक्षित होगा। यह परियोजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का भी हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश में मल्टी-माडल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है।

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    बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के पांच जिलों को कवर

    यह रेलवे लाइन बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के पांच जिलों को कवर करेगी। इससे लगभग 177 किलोमीटर का नया ट्रैक जुड़ेगा।

    इससे 28.72 लाख लोगों और 441 गांवों को सीधा फायदा मिलेगा। साथ ही यह बिहार के बांका व संताल परगना के गोड्डा और दुमका की कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा।

    बाबा बैद्यनाथ धाम और तारापीठ शक्ति पीठ से रेल संपर्क

    यह परियोजना देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम, दुमका स्थित बाबा बासुकीनाथ धाम, बौंसी स्थित मंदार मधुसूदन मंदिर व रामपुरहाट स्थित तारापीठ (शक्ति पीठ) आदि जैसे प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करेगा। जिससे देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

    मालगाड़ी परिवहन के लिए महत्वपूर्ण

    रेल लाइन दोहरीकरण के बाद इस महत्वपूर्ण रेलमार्ग कोयला, सीमेंट, उर्वरक और पत्थर जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा। वर्तमान में सिंगल रेल लाइन पर प्रतिदिन करीब एक दर्जन मालगाड़ी का परिचालन हो रहा है।

    इस रेलखंड पर भागलपुर से पहले टेकानी में प्रतिदिन सीमेंट व खाद की रैक लगती है। गोड्डा में अडानी पावर प्लांट के लिए कोयले की ढुलाई के इसी रेलमार्ग होकर मालगाड़ी चलती है।

    हंसडीहा में भी मालगोदाम निर्माण अंतिम चरण में है। गोड्डा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में बने एफसीआइ के बड़े स्तर के गोदाम में अनाज के भंडारण के लिए हंसडीहा में एक अलग प्लेटफार्म का निर्माण सिर्फ माल उतारने के लिए किया गया है। बताया जाता है कि दुमका का कोयला डंपिंग यार्ड भी हंसडीहा में स्थानांतरित किया जाएगा।

    करीब एक दर्जन ट्रेनों का हो रहा है परिचालन

    भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलमार्ग पर फिलहाल वंदे भारत व हमसफ़र सुपरफास्ट जैसे प्रीमियम ट्रेनों सहित करीब एक दर्जन एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन का परिचालन प्रतिदिन हो रहा है।

    इस रेलमार्ग पर जमालपुर से भागलपुर, दुमका के रास्ते हावड़ा जाने वाली वंदे भारत ट्रेन, देवघर से हंसडीहा - भागलपुर के रास्ते डिब्रूगढ़ जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन, गोड्डा से हंसडीहा - भागलपुर के रास्ते नई दिल्ली जाने वाली हमसफ़र सुपरफास्ट का परिचालन हो र

    गोड्डा से हंसडीहा-देवघर के रास्ते अजमेर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन, गोड्डा से हंसडीहा - गिरिडीह के रास्ते दिल्ली जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन, गोड्डा से हंसडीहा - भागलपुर के रास्ते मुम्बई जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन, गोड्डा से हंसडीहा-भागलपुर के रास्ते अयोध्या जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन के अलावे रांची, पटना, सियालदह जैसी जगहों के एक्सप्रेस व लोकल ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।

    आने वाले समय में डबल लाइन बिछने से ट्रेनों की आवाजाही पहले से कहीं ज्यादा सुगम हो जाएगी। इससे न केवल यात्रियों का समय बचेगा, बल्कि माल ढुलाई भी आसान होगी।

    झारखंड खासकर गोड्डा लोकसभा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष कृपा रहती है। आज केंद्रीय कैबिनेट ने कुल 3179 करोड़ रुपये की लागत से 177 किलोमीटर भागलपुर-हंसडीहा- दुमका-रामपुरहाट तक दोहरी रेललाइन बिछाने की स्वीकृति दी है। इस 177 किलोमीटर में 110 किलोमीटर झारखंड में है। इसमें 60 किलोमीटर गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में है। रेल यहां के लोगों ने आजादी के 75 साल बाद देखा लेकिन अब रेल ही रेल। इसके लिए केंद्र रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी आभार है।

    -डॉ. निशिकांत दुबे, भाजपा सांसद, गोड्डा

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