संथाल परगना महिला कॉलेज के प्रोफेसर को 'डिजिटल अरेस्ट' कर 15 लाख की ठगी, मुंबई पुलिस और CBI का दिखाया डर
दुमका में साइबर अपराधियों ने एक प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये ठग लिए। अपराधियों ने मुंबई पुलिस और सीबीआई का डर दिखाकर प्रोफेसर पर दबाव बनाया। प्रोफेसर को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी गई और बच्चों को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई, जिसके बाद प्रोफेसर ने डर कर पैसे भेज दिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

महिला कॉलेज के प्रोफेसर से 15 लाख की ठगी
जागरण संवाददाता, दुमका। साइबर अपराध से बचने के लिए पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। स्कूल व कॉलेज में बच्चों को इससे बचाव का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इसके बाद भी लोग साइबर अपराधियों की जद में आने से बच नहीं पा रहे हैं।
इस बार साइबर अपराधियों ने संथाल परगना महिला कॉलेज के सहायक प्राध्यापक अविनाश शरण को चार दिन तक घर में ही डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये ठग लिए। ठगी में अपराधियों ने मुंबई पुलिस और सीबीआई का भी डर दिखाया।
15 नवंबर को आया कॉल
पुलिस को दिए आवेदन में प्रोफेसर ने बताया कि 15 नवंबर को एक मोबाइल नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने धमकाया कि उनके आधार नंबर के सहारे एयरटेल का सिम खरीदा गया है, उस नंबर का उपयोग अवैधानिक कार्य के लिए किया गया है। जिस कारण मुंबई पुलिस ने आप पर प्राथमिकी दर्ज की है। क्यों नहीं आपको अरेस्ट किया जाए।
फोन करने वाली महिला अपना नाम हर्षिका शर्मा बताया और कहा कि वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी टीआरएआई के कर्मचारी है। स्थिति स्पष्ट करने के लिए हर्षिका ने मुंबई पुलिस मुख्यालय को फोन किया।
मनी लांड्रिंग केस में शामिल होने का आरोप
फोन मिलते ही बात व्हाटसअप कॉल में बदल गई। मुंबई पुलिस ने बताया कि आप किसी नरेश गोयल के साथ मनी लांड्रिंग केस में शामिल हैं। फिर मुंबई पुलिस और सीबीआइ लगातार चार दिन तक अत्याधिक मानसिक दबाव बनाया और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गोपनीयता में चूक होने पर बच्चों को भी हिरासत में लेने की धमकी दी।
चल अचल संपत्ति की जांच के लिए मुंबई आने को कहा। नहीं जा पाने की स्थिति में 15 लाख रुपया जमा करने को कहा। लगातार दिए जा रहे दबाव और बच्चों की सुरक्षा के लिए अपने एसबीआइ खाते से 19 नवंबर को डिब्रूगढ़ के यस बैंक के खाते में आरटीजीएस से 15 लाख रुपया भेज दिया।
पुलिस से पैसा वापस दिलाने का अनुरोध
उन्होंने थाना प्रभारी को आवेदन देकर बताया कि परिवार व बच्चों को किसी तरह का नुकसान नहीं हो, इसलिए पैसा भेज दिया है। अब उन्होंने पुलिस से पैसा वापस दिलाने का अनुरोध किया है।
थाना प्रभारी जगन्नाथ दास ने बताया कि प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने 15 लाख रुपया ठग लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

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