Homeopathy Doctor कर रही थीं बच्चेदानी का आपरेशन, एसडीएम के औचक निरीक्षण में हुआ खुलासा
Jharkhand Crime गढ़वा के अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने मझिआंव स्थित राधा कृष्ण हास्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर का औचक निरीक्षण किया। अस्पताल संचालक राजनीकांत वर्मा की पत्नी होमियोपैथी चिकित्सक कविता कुमारी को आपरेशन करते पाया गया जबकि एक व्यक्ति निरीक्षण दल को देख पिछले रास्ते से खेतों की ओर भाग गया।

संवाद सहयोगी,गढ़वा । गढ़वा के अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने सोमवार की शाम मझिआंव स्थित राधा कृष्ण हास्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के समय अस्पताल संचालक राजनीकांत वर्मा की पत्नी कविता कुमारी को आपरेशन करते पाया गया, जबकि एक व्यक्ति निरीक्षण दल को देख पिछले रास्ते से खेतों की ओर भाग गया।
मौके पर आधा दर्जन से अधिक मरीज आपरेशन करा कर लेटे मिले। जबकि दर्जनों लोग इंतजार में बैठे थे। प्रथम तल पर भर्ती एक मरीज के स्वजन ने एसडीएम को बताया कि वह अपनी पत्नी के बच्चेदानी का आपरेशन कराने आया था। उनके मरीज का आपरेशन कुछ मिनट पहले ही हुआ है।
चिकित्सक कविता कुमारी ने पूछताछ में एसडीएम को बताया कि वह बीएएमएस की डिग्रीधारी हैं और अनुभव के आधार पर स्वयं आपरेशन एवं एनेस्थीसिया का कार्य करती हैं।
एसडीएम ने संचालक राजनीकांत वर्मा से पूछा कि किस प्रकार एक बीएएमएस डिग्रीधारी डाक्टर बड़े ऑपरेशन एवं एनेस्थीसिया दे सकते हैं, तो वे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।
मरीज को दिए जाने वाले मेडिकल पर्चे में डाक्टर कविता कुमारी ने अपने नाम के साथ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं चिकित्सा पदाधिकारी झारखंड सरकार लिख रखा था।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं तो चुप रहीं, लेकिन चिकित्सा पदाधिकारी होने के दावे पर उन्होंने कहा कि वह मझिआंव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुक्त हैं। लेकिन उनकी मूल नियुक्ति कहां है, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया।
एसडीएम ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों से संबंधी कोई रजिस्टर नहीं पाया गया, यहां तक कि पूर्व की तिथियों की भी कोई एंट्री नहीं पाई गई, न ही कोई दस्तावेज संधारित मिले।
मौके पर ही एसडीएम ने सिविल सर्जन को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी तथा यथाशीघ्र अस्पताल पहुंच कर मामले की गहराई से जांच करने को कहा।
क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट का उल्लंघन
उन्होंने कहा कि यह कृत्य न केवल भारतीय न्याय संहिता के तहत (जीवन को संकट में डालने वाले कृत्य) दंडनीय है, बल्कि क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट एवं इंडियन मेडिकल काउंसिल रेगुलेशन्स का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
एसडीएम संजय कुमार ने स्पष्ट किया कि वे इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट स्वयं भी उच्चाधिकारियों को भेजेंगे और दोषियों पर विधि सम्मत कठोर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
इसमें लाइसेंस निरस्तीकरण, अस्पताल सील करने एवं आपराधिक मुकदमा दर्ज करने तक की कार्रवाई शामिल होगी। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ में इस तरह के अस्पताल एवं अप्रशिक्षित चिकित्सक लोग भोले-भाले एवं कम पढ़े-लिखे मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को इस प्रकार के अस्पतालों एवं चिकित्सकों के विरुद्ध तत्काल रोकथामात्मक एवं दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।
मौके पर एकत्रित भीड़ में मौजूद नागरिकों ने एसडीएम से कहा कि बीच शहर में इस प्रकार के पंजीकृत अस्पतालों में भी संदिग्ध कृत्य खुलेआम होना स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिह्न है।
इस पर एसडीएम में सभी को आश्वस्त किया अनधिकृत गतिविधियों में संलिप्त अस्पतालों एवं अप्रशिक्षित चिकित्सकों पर अभियान चलाकर कार्रवाई होगी।
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