By Anant  KumarEdited By: Mohit Tripathi
Updated: Sun, 16 Apr 2023 08:39 PM (IST)
Jharkhand Weather Update गोड्डा में अप्रैल में इस बार रिकार्डतोड़ गर्मी पड़ रही है। कृषि विज्ञान केन्द्र के ऑटोमेटिक वेदर सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री रिकार्ड किया गया है जो राज्य भर में सबसे अधिक है।
 संवाद सहयोगी, गोड्डा। Jharkhand Weather Update: गोड्डा में अप्रैल में इस बार रिकार्डतोड़ गर्मी पड़ रही है। इस बेतहाशा गर्मी से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रविवार को एक बार फिर से गोड्डा में झारखंड का सर्वाधिक तापमान रिकार्ड किया गया है। गोड्डा पिछले एक हफ्ते से झारखंड के सर्वाधिक गर्म शहरों की सूची में पहले पायदान पर बना हुआ है।
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 43 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया तापमान
       कृषि विज्ञान केन्द्र के ऑटोमेटिक वेदर सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री रिकार्ड किया गया है, जो राज्य भर में सबसे अधिक है।   
        इसके बाद पलामू, देवघर, पाकुड़ व जमशेदपुर है।        अमूनन अप्रैल में तापमान 40 डिग्री के आसपास रहता था। इस बार लगभग तीन डिग्री अधिक हो रहा है। जिसके अभी और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।   
 जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में देखी जा रही बेतहाशा गर्मी
            इधर मौसम वैज्ञानिक इस बढ़ते तापमान को जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देख रहे हैं। अललिनों के प्रभाव से भी यह स्थिति हो रही है। इसके पीछे बड़ा कारण प्राकृतिक संसाधनों का अत्याधिक दोहन करना बताया जा है।       
               जिले में जिस अनुपात में पौधरोपन होना चाहिए वो नहीं हो पा रहा है। जो पौधे लगाये जा चुके हैं, उनका संरक्षण करने में भी विभाग विफल साबित हुआ है।       
 प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन भी है बड़ी वजह
             मौसम एवं कृषि वैज्ञानिक रजनीश प्रसाद ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण यह स्थिति हो रही है। प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो चुका है। इसकी भरपाई के लिए आनुपातिक रूप से कम पौधारोपन हुआ है।       
             जल संरक्षण के उपाय भी नहीं किए गए, जिससे भू-जल स्तर रिर्चाज नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि जिला में औसतन लगभग 11 सौ मिमी वर्षा होने के बाद भी पानी के लिए त्राहिमाम मची हुई है।       
   अलनीनो के बढ़ते प्रभाव के कारण नहीं हो रही बारिश
                 उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने व अलनीनो के बढ़ने प्रभाव के कारण भी तापमान में वृद्धि होने के साथ ही वर्षा कम हो रही है। क्योंकि मानसून के लिए अनुकूल वातावरण नहीं बन पा रहा है।           
                  
  
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