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    गुमला में ट्यूशन पढ़ाने के बहाने बच्चों को दी जा रही थी बाइबल की शिक्षा, बजरंग दल ने जताया कड़ा विरोध

    गुमला के तिर्रा गांव में ट्यूशन के बहाने बच्चों को बाइबल सिखाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि तीन महिलाएं हिन्दू बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा दे रही थीं और उन्हें बाइबल पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं। बजरंग दल ने इस घटना का विरोध किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने जब्त सामग्री को जलाकर अपना विरोध जताया।

    By Santosh Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 29 Aug 2025 12:37 AM (IST)
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    ग्रामीणों से बात करते बजरंग दल के कार्यकर्ता। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, गुमला। गुमला प्रखंड अंतर्गत करौंदी पंचायत के तिर्रा गांव में के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के बहाने घर पर बुलाकर बाइबल की शिक्षा दी जा रही थी।

    गांव की तीन महिलाएं ललिता देवी, नीलम कुमारी और मयंती देवी चंगाई सभा से जुड़ी हुई हैं। इन्हीं तीनों के द्वारा हिन्दू परिवारों के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के बहाने बुलाया जाता था और उन्हें ईसाई धर्म की पुस्तकें पढ़ाई जाती थीं।

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    ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चे चार से 13 साल के बीच के हैं। ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 27 है। बच्चों से ईसाई धर्म से जुड़ी परीक्षाएं भी ली जाती थी, जिसका मूल्यांकन संतोष सोरेन नामक व्यक्ति द्वारा किया जाता था। मूल्यांकन के उपरांत प्रशस्ति पत्र भी दी जाती थी।

    परीक्षा में बेहतर अंक पाने वालों को एक बाक्स में कीमती सामग्री और बाइबल भेंट की जाती थी। बच्चों को गीता और रामायण न पढ़ने की नसीहत भी दी जाती थी। गिफ्ट पैक में फुटबॉल, लंच बॉक्स, टोपी, स्टील का वाटर बोटल आदि भरा रहता था।

    बच्चों से कहा जाता था जितना अधिक बाईबल पढ़ोगे उतना अधिक गिफ्ट पाओगे। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब बच्चों को प्रलोभन देकर मतांतरण कराने की साजिश थी।

    हिन्दू परिवारों को टारगेट कर मतांतरण कराने की साजिश

    घटना प्रकाश में आने के बाद बजरंग दल के जिला संयोजक संतोष यादव ने कहा कि गरीब और भोले-भाले हिन्दू परिवारों को टारगेट कर मतांतरण कराने की साजिश रची जा रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि बलपूर्वक या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है। इस कानून के तहत दोषियों को तीन साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है।

    वहीं यदि मामला नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति या जनजाति से संबंधित है तो सजा बढ़कर चार साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माना तक हो सकता है।

    घटना के बाद बजरंग दल कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने बैठक कर तीनों महिलाओं को चेतावनी दी। वहीं, जप्त सामग्री को गांव के अखाड़े में जला दिया गया। मौके पर बजरंग दल प्रखंड संयोजक शानू साहू, प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद सिंह, प्रखंड सह मंत्री सुरेंद्र साहू, पंचायत संयोजक सूरज साहू सहित तिर्रा गांव के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।