हनुमान जी का जन्मस्थान है यहां, जंगल के ऊपर बनेगी 2000 फीट लंबी ट्रेल; आंजन धाम में खर्च होंगे 10 करोड़
Jharkhand News गुमला के आंजन धाम में वन विभाग द्वारा जल्द ही 9.88 करोड़ रुपये की लागत से इको ट्रेल का निर्माण किया जाएगा। 2000 फीट लंबा यह ट्रेल ब्राजीलियन वालनट की लकड़ी से बनेगा और इस पर चलकर लोग जंगल और पहाड़ के दृश्यों का आनंद ले सकेंगे। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की जा रही है।
संतोष कुमार, गुमला। हनुमान जी की जन्म स्थली आंजन धाम में जल्द ही ट्रेल का निर्माण किया जाएगा। वन विभाग के द्वारा ट्रेल निर्माण की योजना है। जिसका नाम इको ट्रेल दिया गया है।
गुमला जिले में पहली बार 9.88 करोड़ की लागत से ट्रेल का निर्माण की कवायद शुरु की गई है। आंजन धाम मुख्य द्वार से इसका निर्माण किया जाएगा। कहा जाए तो प्रवेश द्वार यहीं होगा।
ट्रेल की लंबाई लगभग 2000 फीट होगी। जमीन से 19 फीट की उंचाई पर स्टील के पिलर पर ब्राजीलियन वालनट की लकड़ी का उपयोग ट्रेल के निर्माण में किया जाएगा।
यह लकड़ी काफी कीमती और मजबूत होती है और इसका उपयोग पानी का जहाज बनाने में किया जाता है। ट्रेल पर खड़े होकर लोग जंगल के ऊपर से पैदल चलेंगे।
जहां जंगल और पहाड़ का विहंगम दृश्य देखने को मिलेगा। 2000 फीट लंबाई वाले इस ट्रेल में हर डेढ़ सौ फीट की दूरी पर गजीबो, वाच टावर, सन सेट प्वाइंट, छोटा गेस्ट रूम, चिल्ड्रेन प्ले एरिया आदि होगा।
जहां लोग प्रकृति के बीच प्राकृतिक छटा का आनंद लेंगे। 2000 फीट के ट्रेल के नीचे दो छोटी नदी भी मिलेगी। जिसके उपर पुल का निर्माण होगा।
ट्रेल के निर्माण में 40 एकड़ क्षेत्र वन भूमि का उपयोग किया जाएगा। ट्रेल के उपयोग में आए वन क्षेत्र को चारों ओर से तार का बाड़ा लगाकर घेरा जाएगा।
तार के घेरे के दायरे वाला क्षेत्र तीन वर्षों में सघन वन के रूप में तब्दील हो जाएगा। ऐसा वन विभाग के एक्सपर्ट का मानना है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया गया पहल
आंजन धाम मंदिर में प्रतिदिन काफी संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है। आंजन धाम पहाड़ी ऊंचाई पर स्थित है। जहां से मंदिर और आस पास की नैसर्गिक छटा देखते ही बनती है।
चारों ओर जंगल और पहाड़ की सुंदरता अद्भुत और मनोरम है। ट्रेल के निर्माण होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोगों को गुमला जैसे छोटे और पिछले जिले में ट्रेल में घूमने का आनंद मिलेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। इसका प्राक्कलन तैयार कर विभाग को भेजा गया है। जल्द ही स्वीकृत होने की उम्मीद है। स्वीकृति मिलते ही काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। - अहमद बेलाल अनवर, वन प्रमंडल पदाधिकारी गुमला
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।