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    Cyber Fraud: रिश्तेदार के नाम से आया डिजिटल कार्ड, क्लिक करते ही खाता खलाश, साइबर अपराधियों ने बदला ठगी का तरीका

    By Binay Prasad Kushwaha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 03:12 PM (IST)

    हजारीबाग में साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। वे शादी के नाम पर डिजिटल कार्ड भेजकर लोगों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं। राजेश महतो समेत कई लोग इसका शिकार हुए हैं। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी है। संदिग्ध लिंक मिलने पर साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करने को कहा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    मोबाइल पर शादी का डिजिटल कार्ड भेजकर लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे साइबर फ्राड।

    संवाद सूत्र, हजारीबाग। साइबर अपराधियों ने अब ठगी का एक नया और चौंकाने वाला तरीका ईजाद किया है। अब वे शादी-विवाह के नाम पर मोबाइल पर डिजिटल निमंत्रण कार्ड भेजकर लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे हैं।

    इस नए तरीके से हजारीबाग जिले में कई लोग ठगी का शिकार बन चुके हैं। पिछले दो दिनों में हजारीबाग के राजेश महतो सहित कई लोगों के मोबाइल पर ऐसे कार्ड भेजे गए हैं।

    कार्ड पर किसी परिचित व्यक्ति या रिश्तेदार का नाम लिखा होता है, जिससे प्राप्तकर्ता को कोई संदेह नहीं होता। कार्ड पर क्लिक करते ही एक लिंक खुलता है, जो कुछ सेकंड में ही मोबाइल में वायरस इंस्टॉल कर देता है।

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    इसके बाद फोन हैंग हो जाता है और बैंक खाते से राशि अपने आप कट जाती है। राजेश महतो ने बताया कि मंगलवार की सुबह करीब 4:57 बजे उनके मोबाइल पर शादी में सादर आमंत्रण के नाम से एक कार्ड आया।

    साइबर थाना प्रभारी ने किया सतर्क

    उन्होंने जैसे ही लिंक खोला, मोबाइल अचानक धीमा पड़ गया और कुछ ही देर बाद खाते से कई हजार रुपये कटने का मैसेज आ गया। उन्होंने तत्काल बैंक और हजारीबाग साइबर थाना को इसकी सूचना दी।

    साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि यह फिशिंग और रिमोट एक्सेस एप लिंक के जरिये की जाने वाली ठगी है। अपराधी ऐसे लिंक में मैलवेयर डाल देते हैं, जिससे मोबाइल का नियंत्रण उनके हाथ में चला जाता है।

    फिर वे ओटीपी, बैंक पासवर्ड और यूपीआइ एक्सेस हासिल कर खाते से रकम निकाल लेते हैं। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी अज्ञात लिंक, संदेश या डिजिटल कार्ड पर क्लिक न करें, चाहे वह किसी परिचित के नाम से ही क्यों न आया हो।

    संदिग्ध लिंक मिलने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करेंं। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में ऐसे कई मामलों की जांच जारी है और साइबर टीम ने संदिग्ध नंबरों और खातों की ट्रैकिंग शुरू कर दी है।