'आपकी पूंजी आपका अधिकार' अभियान, पूर्वी सिंहभूम में 3.48 करोड़ की 'लावारिस' रकम हकदारों को मिली
पूर्वी सिंहभूम जिले में 'आपकी पूंजी आपका अधिकार' अभियान के तहत 3.48 करोड़ रुपये की लावारिस राशि सही हकदारों तक पहुंचाई गई। जिला प्रशासन ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को उनकी जमा राशि के बारे में जानकारी दी। इस पहल से बड़ी संख्या में लोगों को आर्थिक मदद मिली और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला। कई लोगों ने इस राशि का उपयोग शिक्षा और चिकित्सा खर्चों के लिए किया।

आपकी पूंजी आपका अधिकार
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। अक्सर लोग बैंकों में पैसा जमा करके भूल जाते हैं या खाताधारक की मृत्यु के बाद परिजनों को जानकारी न होने पर वह पैसा 'लावारिस' पड़ा रहता है। ऐसी ही भूली-बिसरी रकम को उनके असली हकदारों तक पहुंचाने के लिए चलाए जा रहे 'आपकी पूंजी आपका अधिकार' अभियान के सुखद परिणाम सामने आए हैं।
पूर्वी सिंहभूम जिले में अब तक 3.48 करोड़ रुपये की ऐसी अदावाकृत राशि (अनक्लेम्ड डिपोजिट) का निपटान कर उसे संबंधित लोगों को सौंपा जा चुका है।
शुक्रवार को सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय विशेष शिविर में यह जानकारी दी गई। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित इस शिविर में सैकड़ों लोगों की समस्याओं का समाधान किया गया।
क्या है 'अदावाकृत संपत्ति'?
सरल शब्दों में समझें तो यदि किसी बैंक खाते में 10 वर्षों तक कोई लेन-देन नहीं होता है या फिक्स्ड डिपाजिट (एफडी) के परिपक्व होने के 10 साल बाद भी कोई उसे क्लेम नहीं करता, तो वह राशि 'अदावाकृत' यानी अनक्लेमड मानी जाती है। इसी पैसे को वापस दिलाने के लिए यह अभियान एक अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक चलाया जा रहा है।
कैंप में उमड़ी भीड़, मौके पर मिले प्रमाण पत्र
शिविर में 250 से अधिक लोग पहुंचे। यहां एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक समेत जिले के सभी प्रमुख बैंकों ने अपने स्टाल लगाए थे। बैंक अधिकारियों ने ग्राहकों को बताया कि वे कैसे अपना पैसा वापस पा सकते हैं। जिन लोगों के दस्तावेज पूरे थे, उनके दावों का तुरंत निपटान कर प्रमाण पत्र सौंपा गया। साथ ही आधार और पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों के साथ आवेदन की प्रक्रिया भी पूरी कराई गई।
उद्गम पोर्टल से घर बैठे जानें स्टेटस
आरबीआई रांची के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह ने बताया कि आम लोग घर बैठे 'उद्गम पोर्टल' के जरिए यह पता लगा सकते हैं कि उनका या उनके किसी परिजन का पैसा किस बैंक में फंसा है।
उन्होंने सरकारी विभागों से भी अपील की कि सरकारी खातों में पड़ी लावारिस राशि को क्लेम करने के लिए विभाग पहल करें।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह, बीओआई के जोनल मैनेजर पंकज कुमार मिश्रा, एसबीआई के रीजनल मैनेजर राजीव रंजन, बीओबी के अमित कुमार, केनरा बैंक के मगेश रामानाथन, जेआरजीबी के श्रीकांत कटारे, एलडीएम संजीव कुमार चौधरी सहित एलआईसी और अन्य बैंकों के अधिकारी मौजूद रहे।

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