Aloe Vera Farming : खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो करें एलोबेरा की खेती, पांच गुना ज्यादा कमाएं मुनाफा
Aloe Vera Farming Tips and Trics अगर आप खेती को पेशा के रूप में अपनाना चाहते हैं तो एलोवेरा की खेती करें। एलोवेरा की खेती में लागत से पांच गुना ज्यादा मुनाफा होता है। यह दोमट मिट्टी के साथ रेतीली मिट्टी में भी होता है।

जमशेदपुर : यदि आप अपने खेतों में ऐसा फसल लगाने की सोच रहे हैं जिससे फायदा ही फायदा हो तो इसके लिए करें एलोवेरा की खेती। एलोवेरा की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि खेत में ज्यादा नमी का ना होना। इसके साथ ही पानी का ठहराव खेतों में न हो। एलोवेरा के लिए रेतीली मिट्टी सबसे उपयुक्त होता है। हालांकि इसकी खेती दोमट मिट्टी में भी होती है, लेकिन रेतिली मिट्टी में इसके बेबी प्लांट ज्यादा संख्या में निकलते हैं। एलोवेरा की खेती से पांच गुना कमाई कर सकते हैं।
कॉस्मेटिक प्रोडक्ट या आयुर्वेद सभी जगह है एलोवेरा की मांग
कॉस्मेटिक प्रोडक्ट हो या आयुर्वेद दवा सभी जगह है एलोवेरा की मांग बहुत ज्यादा है। यही कारण है कि इसकी डिमांड भी बाजार में काफी ज्यादा होती है। एलोवेरा की खेती की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए सिर्फ एक बार आपको इंवेस्ट करना होगा। यानि एक बार पैसा लगाना होता है और इसके बाद पांच साल तक उस पौधे से लाभ कमा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एक बार पौधों से निकलने वाले बेबी प्लांट को दूसरी जगह लगा सकते हैं। और इस तरह आपके पौधों की संख्या बढ़ती चली जाती है। एक एलोवेरा का पौधा तीन से चार महीने में बेबी प्लांट देती है।
खेतों में नमी नहीं होनी चाहिए
एलोवेरा की खेती करने के लिए सबसे जरूरी है कि खेत में ज्यादा नमी नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही खेतों में पानी की ठहराव नहीं होनी चाहिए। समय-समय पर खेत की सफाई भी जरूरी है। एलोवेरा की कई प्रजातियां होती है। जिसमें इंडिगो सबसे आम है। अधिकांश घरों में इंडिगो एलोवेरा ही पाया जाता है। लेकिन सबसे अधिक उपज के लिए सबसे बेहतर माना जाता है एलोवेरा बार्बाडेंसीस प्रजाती। इस प्रजाति का एलोवेरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाई जा रही है। चाहे जूस बनाने का काम हो या कोई कॉस्मेटिक आइटम। किसान भी इसे लगाना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इसकी पत्तियां बड़ी होती है और इसमें से ज्यादा जेल निकलता है।
कब और कैसे करें एलोवेरा की खेती
एलोवेरा की खेती में बुवाई फरवरी से अक्टूबर-नवंबर तक कर सकते हैं। सर्दिंयों में इसकी बुवाई नहीं की जाती है। इसके अलावा किसान थोड़ी सावधानी बरत कर इसकी बुवाई सालों भर कर सकते हैं। पौधे लगाते समय दो पौधों के बीच की दूरी दो फुट होनी चाहिए। पौधा लगाने के बाद किसान साल में दो बार इसके पत्तों की कटाई कर सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
एलोवेरा की खेती से पांच गुना कमाई
एक बीघा जमीन पर किसान एलोवेरा के 12 हजार पौधे लगा सकते हैं। एक पौधे की कीमत तीन से चार रुपये तक होती है। यानि एक बीघे की खेत में एलोवेरा की खेती के लिए आपको लगभग 40 हजार रुपये पौधे की खरीद पर खर्च होंगे। एलोवेरा का एक पौधे से 3.5 किलो तक पत्ते निकलते हैं और एक पत्ते की कीमत पांच से छह रुपये तक होती है। वैसे औसतन एक पत्ते 15-18 रुपये तक में बिक जाते हैं। ऐसे में किसान 40 हजार रुपये खर्च कर दो लाख रुपये से अधिक की कमाई कर सकते हैं।
ऐसे होगी कमाई
किसान चाहते तो एलोवेरा के पौधे बेच सकते हैं, पत्तियां बेच सकते हैं और बेबी प्लांट बेचकर भी लाभ कमा सकते हैं। इसके अलावा आप इसका जेल निकाल कर डायरेक्ट किसी भी कंपनी को ट्रांसपोर्ट कर सकते हैं। एलोवेरा की खेती में किसी प्रकार का कीटनाशकों, यूरिया या डीएवी खादों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके पौधे के आसपास की सफाई और नियमित समय पर तय मात्रा में पानी देने भर से ही किसान बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।
जानवर नहीं पहुंचाते नुकसान
एलोवेरा की खेती करने से एक फायदा यह होता है कि इसको जानवरों से कोई नुकसान नहीं होता। क्योंकि एलोवेरा को जानवर नहीं खाते हैं। इसके बावजूद जानवरों से एलोवेरा की खेती को बचाना पड़ता है। एलोवेरा के पत्ते काफी नरम होते हैं जो जानवरों के पैरों से टूट जाते हैं।
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