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    DGGI ने 250 करोड़ के GST घोटाले का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड प्रदीप कलबलिया जेल भेजा गया

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 10:19 AM (IST)

    जमशेदपुर में, डीजीजीआई ने 250 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले का खुलासा किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी, लोहा व्यापारी प्रदीप कलबलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बोकारो में हुई गिरफ्तारी के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए। यह गिरोह पांच राज्यों में फैला हुआ था और फर्जी बिलिंग के माध्यम से जीएसटी चोरी कर रहा था।

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    मास्टरमाइंड प्रदीप कलबलिया जेल भेजा गया

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), जमशेदपुर की टीम ने 250 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए सिंडिकेट के मास्टरमाइंड, लोहा कारोबारी प्रदीप कलबलिया को बुधवार को जेल भेज दिया है। 

    डीजीजीआई की टीम ने लंबी मशक्कत के बाद प्रदीप को मंगलवार को बोकारो के चास स्थित उसके आलीशान अपार्टमेंट से धर दबोचा था। गिरफ्तारी के बाद उसे जमशेदपुर लाया गया, जहां एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्य जांच की प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

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    इस कार्रवाई के दौरान प्रदीप के ठिकाने से 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी और घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

    जमशेदपुर से जुड़े घोटाले का भंडाफोड़, चास में दबिश

    डीजीजीआई, जमशेदपुर की टीम इस पूरे नेटवर्क पर लंबे समय से नजर बनाए हुए थी। पुख्ता सूचना के आधार पर, मंगलवार सुबह करीब सात बजे 10 से अधिक अधिकारियों की टीम ने चास के पुरुलिया रोड स्थित मानसरोवर अपार्टमेंट को घेर लिया। 

    कारोबारी प्रदीप कलबलिया इसी अपार्टमेंट के ब्लाक-डी में रहता था। छापेमारी की कार्रवाई इतनी गोपनीय और तेज थी कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। देर शाम तक चली जांच के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक नकद, कई कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल, पेनड्राइव, फर्जी चालान बुक और डिजिटल सबूत जब्त किए गए। 

    साथ ही, इस घोटाले में इस्तेमाल किए जा रहे कई बैंक खातों को भी तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया गया है।

    पांच राज्यों में फैला था फर्जीवाड़े का नेटवर्क

    छापेमारी का नेतृत्व कर रहे डीजीजीआई जमशेदपुर के अपर निदेशक सार्थक सक्सेना ने बताया कि यह सिंडिकेट बेहद संगठित तरीके से काम कर रहा था। इसके तार झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और बिहार तक फैले हुए थे। 

    यह गिरोह फर्जी कंपनियां बनाकर लोहा-स्टील कारोबार में नकली बिलिंग के जरिए बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दे रहा था। फर्जी इनवाइस के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा था।

    पहले पकड़े गए आरोपियों ने उगले थे राज

    इस मामले की कड़ियां इसी साल 23 जुलाई को तब जुड़ी, जब डीजीजीआई ने 200 करोड़ के फर्जी इनवाइस मामले में धनबाद के हीरापुर निवासी अवनीश जायसवाल और मटकुरिया के मो. फैजल खान को गिरफ्तार किया था। दोनों को जमशेदपुर लाकर हुई कड़ी पूछताछ में ही प्रदीप कलबलिया की इस सिंडिकेट में मुख्य भूमिका का खुलासा हुआ था। 

    तभी से टीम प्रदीप की तलाश में थी, लेकिन वह लगातार ठिकाने बदलकर बच रहा था। मंगलवार को उसकी सटीक लोकेशन मिलते ही टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों का मानना है कि प्रदीप से पूछताछ के बाद इस नेटवर्क से जुड़े कई और सफेदपोश चेहरों से पर्दा उठ सकता है।