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    IMFA ने 610 करोड़ में खरीदा टाटा स्टील का प्लांट, फेरो-क्रोम उत्पादन में बनी भारत की सबसे बड़ी कंपनी

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 10:58 PM (IST)

    इंडियन मेटल्स एंड फेरो अलॉयज लिमिटेड (इंफा) ने टाटा स्टील के कलिंगानगर स्थित फेरो-क्रोम प्लांट को 610 करोड़ रुपये में खरीदा। इस सौदे के साथ, इंफा भारत की सबसे बड़ी और विश्व की छठी सबसे बड़ी फेरो-क्रोम उत्पादक कंपनी बन गई है। यह अधिग्रहण इंफा की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा और कंपनी को बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान करेगा।

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    इंफा ने टाटा स्टील का फेरा क्रोम प्लांट 610 करोड़ में खरीदा। फोटो सोशल

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। स्टेनलेस स्टील के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल, फेरो-क्रोम के उत्पादन में देश की अग्रणी कंपनी इंडियन मेटल्स एंड फेरो अलॉयज लिमिटेड (इंफा) ने एक ऐतिहासिक सौदे में टाटा स्टील के कलिंगानगर, ओडिशा स्थित फेरो-क्रोम प्लांट का अधिग्रहण कर लिया है।

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    यह सौदा 610 करोड़ रुपये के आधार मूल्य पर हुआ है, जिसका भुगतान इंफा अपने आंतरिक संसाधनों से करेगी। इस अधिग्रहण के साथ ही इंफा भारत की सबसे बड़ी और विश्व की छठी सबसे बड़ी फेरो-क्रोम उत्पादक कंपनी बन गई है।

    यह महत्वपूर्ण सौदा अगले तीन महीनों के भीतर सभी नियामकीय मंजूरियों के बाद पूरा होने की उम्मीद है। इस अधिग्रहण से इंफा की भट्टी क्षमता में 99 एमवीए की भारी वृद्धि होगी, जिसमें 66 एमवीए की क्षमता पहले से ही चालू है और 33 एमवीए निर्माणाधीन है। इस क्षमता विस्तार के बाद कंपनी की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 0.5 मिलियन टन (पांच लाख टन) को पार कर जाएगी।

    रणनीतिक विस्तार और लागत में कमी

    कलिंगानगर में 115 एकड़ में फैला यह प्लांट इंफा के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। वर्तमान में, इस संयंत्र में चार भट्टियां हैं, जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग एक लाख टन है। पांचवीं भट्टी के चालू होने पर यह क्षमता बढ़कर डेढ़ लाख टन प्रति वर्ष हो जाएगी। यह संयंत्र इंफा की अपनी कैप्टिव क्रोम अयस्क खदानों के पास स्थित है, जिससे कंपनी को परिचालन तालमेल और लागत में उल्लेखनीय बचत की उम्मीद है।

    बाजार में बढ़ेगा दबदबा

    इंफा के प्रबंध निदेशक, सुभ्रकांत पांडा ने इस सौदे को कंपनी के लिए परिवर्तनकारी बताया है। उन्होंने कहा, यह अधिग्रहण हमारी विस्तार योजनाओं को तेज करेगा। हमारे चल रहे ग्रीनफील्ड विस्तार के साथ, यह हमारी कुल स्थापित क्षमता को पांच लाख टन से आगे ले जाएगा, जिससे हम घरेलू बिक्री पर विशेष ध्यान देने के साथ अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ा सकेंगे, खासकर ऐसे समय में जब भारत के तेज आर्थिक विकास के कारण फेरो-क्रोम की मांग बढ़ रही है।