स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में दिल्ली-मुंबई एवं रांची से भी आगे निकला जमशेदपुर, राष्ट्रीय रैंकिंग में 23वें स्थान पर
केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 के नतीजों में जमशेदपुर ने देश भर में 23वां स्थान हासिल कर एक शानदार उपलब्धि अपने नाम की है। झारखंड के भीतर जमशेदपुर का प्रदर्शन बेमिसाल रहा है। 168.2 के प्रभावशाली स्कोर के साथ शहर ने राज्य में अपना दबदबा कायम किया है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । औद्योगिक गतिविधियों के भारी दबाव के बावजूद, शहर ने यह साबित कर दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति से पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सकता है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी ''स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025'' के नतीजों में जमशेदपुर ने देश भर में 23वां स्थान हासिल कर एक शानदार उपलब्धि अपने नाम की है।
प्रदेश में सिरमौर, राजधानी कोसों दूर
झारखंड के भीतर जमशेदपुर का प्रदर्शन बेमिसाल रहा है। 168.2 के प्रभावशाली स्कोर के साथ शहर ने राज्य में अपना दबदबा कायम किया है।
राज्य की राजधानी रांची 161.8 अंकों के साथ 30वें स्थान पर है, जो जमशेदपुर से पूरे सात पायदान नीचे है। वहीं, कोयलांचल की पहचान धनबाद 162.5 अंकों के साथ 29वें स्थान पर रहा। वायु गुणवत्ता सुधारने की दौड़ में जमशेदपुर अपने प्रादेशिक प्रतिद्वंद्वियों से मीलों आगे निकल चुका है।
मेट्रो शहरों को पछाड़कर रचा इतिहास
जमशेदपुर की यह उड़ान केवल राज्य की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही। शहर ने देश के उन बड़े और विकसित महानगरों को भी हवा की स्वच्छता के मामले में पीछे धकेल दिया है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (25वां स्थान) और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (32वां स्थान) दोनों ही जमशेदपुर से नीचे हैं।
इतना ही नहीं, जमशेदपुर ने आइटी हब बेंगलुरु (36वां स्थान), सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता (38वां स्थान), गुलाबी शहर जयपुर (26वां स्थान) और ऐतिहासिक शहर पटना (27वां स्थान) को भी मात दी है।
जमशेदपुर आइटी शहर हैदराबाद (22वां स्थान) से महज एक पायदान ही पीछे रहा, यह दर्शाता है कि शहर अब सर्वश्रेष्ठ से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।
कठिन पैमानों पर खरा उतरा शहर
सर्वेक्षण के दौरान शहरों को कई कठिन पैमानों पर परखा गया, जिसमें जमशेदपुर ने सराहनीय प्रदर्शन किया। मूल्यांकन का आधार ठोस कचरा प्रबंधन, सड़कों को धूल मुक्त रखने के उपाय, वाहनों और उद्योगों से होने वाले उत्सर्जन पर नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कारक थे।
इन सभी क्षेत्रों के लिए कुल 80 प्रतिशत अंक निर्धारित थे। इसके अलावा, निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल के प्रबंधन, जागरूकता अभियान चलाने और हवा में हानिकारक कणों (पीएम10) की सघनता में कमी लाने जैसे प्रयासों पर भी अंक दिए गए।
इन सभी मोर्चों पर शहर के समन्वित प्रयास रंग लाए हैं। इस सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के इंदौर ने 200 में से 200 अंक हासिल कर पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम की है। इंदौर की यह सफलता दिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
जल्द ही जमशेदपुर के 10 स्थानों पर लगेगी डस्ट कैचर मशीन
केंद्र सरकार ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का रिपोर्ट जारी कर दिया है। देश में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 48 शहरों ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के लिए अपना दावा पेश किया था।
इसमें 200 अंकों के लिए जमशेदपुर ने 187.7 अंक का दावा पेश किया था। जिसमें जमशेदपुर को 168.2 अंक मिला। इस तरह 48 शहरों में जमशेदपुर को 23 वां रैंक हासिल हुआ है।
23वां रैंक आने पर जमशेदपुर के उप प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि अगली बार टाप 10 शहरों में अपना जमशेदपुर होगा। इसके लिए कई तरह के पुख्ता कार्ययोजना पर काम चल रहा है। यह जल्द ही धरातल पर दिखाई देगा।
इस तरह जमशेदपुर आएगा टाप 10 शहर में
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में अगली बार जमशेदपुर को टाप 10 शहर में लाना है। इस संबंध में जमशेदपुर के उप प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि टाप 10 शहर में लाने के लिए कई तरह के काम किए जाएंगे।
सबसे पहले शहर के 10 स्थानों पर डस्ट कैचर लगाए जाएंगे, डीजल आटो पर लगाम लगाई जाएगी, डीजल जनरेटर पर रोक, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के अलावा रोड का डस्ट को वायुमंडल में मिलने से पहले ही डस्ट कैचर से रोकना है।
वायु प्रदूषण रोकने के लिए इंडस्ट्रीज करेंगे हाइड्रोजन का उपयोग
जमशेदपुर के उप प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि जमशेदपुर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए जितने भी इंडस्ट्रीज हैं, वहां ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के कई बड़ी कंपनियां हाइड्रोजन का उपयोग करने भी लगी है। जानकारी हो कि हाइड्रोजन का उपयोग मुख्य रूप इस्पात निर्माण और कंक्रीट उत्पादन जैसे उद्योगों में होता है।
जहां हाइड्रोजन कोयले और प्राकृतिक गैस जैसे पारंपरिक ईंधन का विकल्प बन रहा है। हाइड्रोजन का उपयोग भविष्य में उर्जा, परिवहन और रसायनों के उत्पादन के लिए किया जाएगा।
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