Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कंसल्टेंसी की आड़ में देशद्रोही खेल : आइएसआइ एजेंटों का मददगार मोनाजिर मानगो से गिरफ्तार, अब भाई की तलाश

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 12:12 AM (IST)

    बिहार में सुरक्षा एजेंसियों ने मोनाजिर नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर कंसल्टेंसी की आड़ में देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने और आईएसआई एजेंटों की मदद करने का आरोप है। वह आईएसआई एजेंटों के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। गिरफ्तारी के बाद, सुरक्षा एजेंसियां अब मोनाजिर के भाई की तलाश कर रही हैं।

    Hero Image


    फाइल फोटाे

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। देश की परमाणु सुरक्षा में सेंध लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क का बड़ा पर्दाफाश हुआ है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने झारखंड के जमशेदपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए मानगो चौक स्थित एक कंसल्टेंसी संचालक मोनाजिर खान को गिरफ्तार किया है। उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले जासूस भाइयों अख्तर हुसैन और आदिल हुसैन की सहायता करने का गंभीर आरोप है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोनाजिर को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले गई :
    सूत्रों के मुताबिक, मोनाजिर अपनी कंसल्टेंसी एशिया इंटरनेशनल ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंसी की आड़ में इन जासूसों को फर्जी पहचान, पासपोर्ट और डिग्रियां उपलब्ध कराता था। उसका भाई इलियाज खान फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र तैयार करता था। मुंबई पुलिस मोनाजिर को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले गई है, जबकि इलियाज खान की तलाश में टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।

    दिल्ली-मुंबई से शुरू हुई जांच, जमशेदपुर में पहुंचा धागा :
    हाल ही में दिल्ली पुलिस ने आदिल हुसैन और मुंबई पुलिस ने अख्तर हुसैन को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में अख्तर ने खुलासा किया कि जमशेदपुर का मोनाजिर खान और उसका भाई इलियाज, उनकी जासूसी गतिविधियों में मुख्य सहयोगी हैं। इसी सूचना के आधार पर मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम 24 अक्तूबर को जमशेदपुर पहुंची और 25 अक्तूबर को मानगो स्थित कार्यालय से मोनाजिर को दबोच लिया।

    फर्जी पहचान बनाकर विदेशों में घूमता रहा जासूस :
    जांच में सामने आया है कि 2016 में अख्तर हुसैन ने मोनाजिर से संपर्क किया था। मोनाजिर ने उसकी पूरी पहचान बदल दी। उसने अख्तर को मुस्लिम से ईसाई बनाकर एलेक्जेंडर पामर नाम से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाए। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर अख्तर ने पासपोर्ट हासिल किया और वर्षों तक सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर विभिन्न देशों की यात्राएं करता रहा। इतना ही नहीं, मोनाजिर पर अख्तर के भाई आदिल हुसैन के लिए भी दो फर्जी पासपोर्ट तैयार करवाने का आरोप है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज भी मोनाजिर ने ही तैयार किए थे।

    फर्जी डिग्री बनाने में शामिल था भाई इलियाज :
    मोनाजिर का भाई इलियाज खान इस नेटवर्क का एक और अहम किरदार था। वह फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र तैयार करने का काम संभालता था। जांच में यह बात सामने आई है कि इलियाज ने अख्तर के लिए एसएससी, एचएससी, बीएससी, बीई (मैकेनिकल) और सेफ्टी में मास्टर डिग्री तक के नकली सर्टिफिकेट बनाए थे। इन दस्तावेजों के सहारे जासूस भाइयों ने सरकारी और निजी एजेंसियों में अपनी पहचान छिपाई।

    जब्त हुए लैपटॉप, कंप्यूटर और कई दस्तावेज :
    मुंबई पुलिस ने मोनाजिर के कार्यालय से कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल, प्रिंटर और सीपीयू सहित कई इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए हैं। सभी उपकरणों को फारेंसिक जांच के लिए मुंबई भेजा गया है। एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस नेटवर्क ने हुसैन भाइयों के अलावा और किन लोगों को फर्जी पहचान और दस्तावेज उपलब्ध कराए।

    1996 में बेचा पुश्तैनी मकान, पर नहीं तोड़े संबंध :
    जानकारी के अनुसार, अख्तर और आदिल हुसैन मूल रूप से आजादनगर रोड नंबर चार के रहने वाले हैं। दोनों भाइयों ने वर्ष 1996 में अपना पुश्तैनी मकान बेच दिया था, लेकिन जमशेदपुर में अपने पुराने संपर्कों का इस्तेमाल देशविरोधी गतिविधियों के लिए करते रहे।