सुरक्षा मानकों की पोल खुली: जमशेदपुर के बार-रेस्टोरेंट में न आपातकालीन निकास, न अग्निशमन यंत्र, सुरक्षा भगवान भरोसे
जमशेदपुर के बार और रेस्टोरेंट में सुरक्षा मानकों की अनदेखी उजागर हुई है। दैनिक जागरण की पड़ताल में पाया गया कि कई प्रतिष्ठानों में आपातकालीन निकास और ...और पढ़ें

साकची का एक बार, जहां सफाई और सुरक्षा की खमियां दिखी।
क्या होता है फायर सेफ्टी ऑडिट?
जहां भी वाणिज्यिक गतिविधियां होती हैं और लोगों का नियमित आना-जाना होता है, वहां फायर सेफ्टी ऑडिट कराना अनिवार्य है। इस ऑडिट में प्रतिष्ठान की संरचना, अग्निशमन उपकरण, आपातकालीन मार्ग, गैस कनेक्शन, वेंटिलेशन व्यवस्था समेत सभी पहलुओं की जांच की जाती है। इसके बाद जारी प्रमाणपत्र को प्रतिष्ठान के मुख्य स्थान पर प्रदर्शित करना होता है।
प्यासा बार एंड रेस्टोरेंट, साकची कालीमाटी रोड
डे एंड नाइट बार, कालीमाटी रोड
यशस्वी रेस्ट्रो बार, साकची
यह भी बेसमेंट में संचालित है और एक ही संकरे दरवाजे से ही प्रवेश-निकास होता है। मालिक रत्नेश तिवारी ने अग्निशमन यंत्र के कागजात तो दिखाए, लेकिन फायर सेफ्टी ऑडिट सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं करा पाए।
सागर बार एंड रेस्टोरेंट, बसंत टाकीज रोड
ट्राइंगलर बार एंड रेस्टोरेंट, बसंत टाकीज के पीछे, साकची
मान सूर्या बार, साकची
ट्रैक्स बार एंड रेस्टोरेंट, रामलीला मैदान के सामने
पहली और दूसरी मंजिल पर संचालित इस बड़े प्रतिष्ठान में लगभग 200 लोगों के बैठने की क्षमता है। मार्केटिंग हेड राकेश कुमार ने बताया कि उनके पास फायर उपकरण तो हैं, लेकिन इमरजेंसी एग्जिट नहीं है। साथ ही पूरे प्रतिष्ठान का फायर सेफ्टी ऑडिट भी नहीं कराया गया है।
शहर में जितने भी बार एंड रेस्टोरेंट हैं उन्हें न सिर्फ फायर सेफ्टी लाइसेंस लेना है बल्कि बैठने की क्षमता के अनुरूप अपने संस्थान में फायर सेफ्टी एडवाइजरी के तहत अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था भी करना है लेकिन अधिकतर प्रतिष्ठानों ने सेफ्टी आडिट नहीं कराया है।
सुरेंद्र प्रसाद, फायर स्टेशन आफिसर

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