JAMSHEDPUR का आदिवासी महोत्सव: ताल, नृत्य और प्राकृतिक चिकित्सा का अनूठा संगम
जमशेदपुर में आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें ताल, नृत्य और प्राकृतिक चिकित्सा का अनूठा संगम देखने को मिला। महोत्सव में आदिवासी संस्कृति की झलक, प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व, और आदिवासी कला और शिल्प की प्रदर्शनी शामिल थी। यह महोत्सव एकता और सद्भाव का संदेश देता है।

शनिवार को गोपाल मैदान बिष्टुपुर में जनजातीय संवाद में प्रस्तुति देते आदिवासी कलाकार।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर स्थित गोपाल मैदान शनिवार शाम भव्य महोत्सव का केंद्र बन गया, जब टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित 12वें जनजातीय सम्मेलन संवाद का शानदार आगाज हुआ। रंग-बिरंगी लाइटों और 301 नगाड़ों-वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच आदिवासी समाज के विभिन्न समुदायों के कलाकारों ने पांच दिवसीय महोत्सव की शुरूआत की।
26 राज्यों से आए 2500 कलाकार
जनजातीय सम्मेलन संवाद में देशभर के 26 राज्यों से 153 जनजातीय समुदायों के 2500 कलाकार जमशेदपुर पहुंचे हैं। ये कलाकार नृत्य-संगीत प्रस्तुतियों के साथ-साथ अपने हस्तशिल्पों की प्रदर्शनी भी लगाएंगे। दर्शक इन कलाकारों की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद पांच दिनों तक ले सकेंगे।
19 राज्यों से आए वैद्य
गोपाल मैदान में 25 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। इन स्टालों पर झारखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र सहित 19 राज्यों के वैद्य अपने पारंपरिक उपचार और जड़ी-बूटियों के साथ उपस्थित हैं। ये वैद्य सर्टिका, घुटने के दर्द, कैंसर, किडनी, हृदय रोग और स्त्री रोग जैसी बीमारियों का इलाज करने का दावा कर रहे हैं।
शहरवासी और अधिकारी भी थिरके
आयोजन के दौरान लयबद्ध ताल पर टाटा स्टील के सीईओ टीवी नरेंद्रन, उनकी पत्नी रूचि नरेंद्रन और वाइस प्रेसिडेंट डीबी सुंदरा रामम सहित कई अधिकारियों ने कदमताल किया। इसके साथ ही शहरवासियों ने समूह बनाकर नृत्य किया, जिससे गोपाल मैदान उत्साह और आनंद से गूंज उठा।


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