Jharkhand: राहत की खबर ! आदिवासियों का रेल-रोड चक्का जाम खत्म, तीन घंटे बाद ट्रैक से हट गए आंदोलनकारी
Tribal Protest आंदोलनकारी खेमाशूली और कांटाडी स्टेशन में रेलवे ट्रैक पर जाकर बैठ गए थे। आदिवासियों के आंदोलन को लेकर कई ट्रेनें रद रहीं। वहीं कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया था। इस वजह से ट्रेनें लेट हुईं तो यात्रियों ने जमकर हंगामा किया।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगला अभियान समिति ने शनिवार सुबह से ही अनिश्चितकालीन रोड रेल चक्का जाम की घोषणा की थी। यात्रियों के लिए राहत की बात है कि लगभग तीन घंटे के बाद आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक से हट गए।
जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह छह बजे से ही आंदोलनकारी खड़गपुर डिवीजन में खेमाशूली और पुरुलिया जंक्शन में कांटाडी स्टेशन में रेलवे ट्रैक पर जाकर बैठ गए थे। आंदोलन की सूचना पर रेलवे प्रबंधन ने शुक्रवार देर रात को 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया था। ऐसे में टाटानगर रेलवे स्टेशन से विभिन्न क्षेत्रों की ओर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
आंदोलन को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने कई ट्रेनों को डायवर्टेड रूट से भी चलाया। जिसके कारण ट्रेनें दो से पांच घंटे देर से टाटानगर पहुंची। हालांकि, यात्रियों के लिए राहत की बात है कि आंदोलनकारियों के रेलवे ट्रैक से हटने के बाद ट्रेनों की स्थिति सामान्य हुई।
टाटानगर रेलवे स्टेशन से 12809 छत्रपति शिवाजी महाराज से चलकर हावड़ा को जाने वाली स्पेशल को हावड़ा की ओर रवाना किया गया। 12859 गीतांजलि एक्सप्रेस को दोपहर डेढ़ बजे टाटा से हावड़ा की ओर रवाना किया गया। जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।
कई ट्रेनें रद, यात्रियों ने किया हंगामा
आंदोलन के कारण शनिवार सुबह टाटानगर से होकर गुजरने वाली नौ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। जिसके कारण जब यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचे तो उन्हें इसकी जानकारी मिली। इसके बाद लंबी दूरी वाले यात्रियों ने स्टेशन पर जमकर हंगामा किया। यात्रियों का कहना था कि 500 किलोमीटर लंबी यात्रा वाली ट्रेनों को अचानक से रद्द करने से अबे कैसे वे अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे। ऐसे में यात्री अपने लिए अलग से व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे।

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