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    KHARSAWAN CRIME : सिंचाई विवाद बना खूनी खेल: पटवन के लिए दंपती की हत्या, जंगल में दफनाए गए शव बरामद, तीन आरोपित गिरफ्तार

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 07:40 PM (IST)

    खरसावां में सिंचाई के पानी को लेकर हुए विवाद में एक दंपती की हत्या कर दी गई। पुलिस ने जंगल में दफनाए गए शवों को बरामद किया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि हत्या के पीछे के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

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    सरायकेला-खरसावां जिले के चैतनपुुर गांव के पास जंगल में दफनाए गए शव को निकालने पहुंची पुलिस।

    संवाद सूत्र, खरसावां। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के चैतनपुुर गांव में खेत में पानी पटवन को लेकर हुआ विवाद खूनी वारदात में बदल गया। गांव के तीन लोगों ने मिलकर पति-पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी। 
     
    आरोपितों ने साक्ष्य को छिपाने की नीयत से शवों को जंगल में दफना दिया। करीब नौ दिन बाद पुलिस ने दोनों शवों को कब्र से निकालकर पूरे मामले का खुलासा किया। 

    मामूली विवाद बना दोहरा हत्याकांड 

    खरसावां थाना क्षेत्र के अंतिम छोर पर स्थित चैतनपुर गांव में पानी पटवन (सिंचाई) को लेकर दो पक्षों के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा था। इसी विवाद ने 3 नवंबर की रात को ठाकुरा सरदार (39) और उसकी पत्नी चांदमुनी मुंडा (41) की जान ले ली।  

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    पुलिस के मुताबिक, गांव के लोथो सरदार, गोंदो सरदार और बुंदिया सरदार ने पटवन के झगड़े को लेकर दंपती पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद तीनों ने मिलकर शवों को पास के घने जंगल में तीन से चार फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया, ताकि किसी को भनक न लगे। 

    नौ दिन बाद जंगल से निकाले गए शव 

    करीब नौ दिन बाद खरसावां पुलिस को इस पूरे मामले की जानकारी मिली। मजिस्ट्रेट और दंडाधिकारी कप्तान सिंकु की मौजूदगी में पुलिस टीम ने जंगल में खुदाई कर दोनों शवों को बाहर निकाला। 

    शवों की हालत क्षत-विक्षत थी और उनमें से तेज दुर्गंध फैल रही थी। दोनों के हाथ रस्सी से बंधे हुए थे, जिससे हत्या के बाद शवों को घसीटकर दफनाने की आशंका जताई जा रही है। 

    विसरा जांच के लिए शव को एमजीएम भेजा  

    पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम और विसरा जांच के लिए एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर भेजा है। मृतक दंपती का बेटा भीम सरदार बेंगलुरु में मजदूरी करता था।
     
    माता-पिता के 3 नवंबर से लापता होने की सूचना मिलने पर वह 7 नवंबर को घर लौटा। ग्रामीणों से पूछताछ में उसे पता चला कि पटवन को लेकर उसके माता-पिता का गांव के लोथो, गोंदो और बुंदिया सरदार से झगड़ा हुआ था। 
     

    पटवन विवाद से उजागर हुई ग्रामीण तनाव की हकीकत 

    पानी पटवन के विवाद को लेकर यह कोई पहली घटना नहीं है। ग्रामीण इलाकों में खेतों की सिंचाई को लेकर अक्सर झगड़े होते हैं। मगर खरसावां की यह घटना इस बात का उदाहरण है कि मामूली विवाद भी जब नियंत्रण से बाहर होता है, तो जानलेवा बन जाता है। 


    ग्रामीणों में इस वारदात को लेकर डर और गुस्से का माहौल है। लोगों ने प्रशासन से गांव में सिंचाई व्यवस्था को लेकर विवाद सुलझाने और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

    पुलिस की पूछताछ में हत्या की बात कबूल की  

    इसके बाद भीम ने 12 नवंबर को खरसावां थाना में तीनों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जब आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उन्होंने हत्या की बात कबूल करते हुए शवों के दफनाने की जगह बताई।
     
    खरसावां थाना प्रभारी गौरव कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। छापेमारी दल में एसडीपीओ समीर सवैयां, निरीक्षक नितिन कुमार सिंह, आमदा ओपी प्रभारी रमण कुमार विश्वकर्मा, एसआई प्रकाश कुमार, एएसआई अब यह जांच कर रही है कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी या झगड़े के दौरान गुस्से में घटना को अंजाम दिया गया।