KHARSAWAN CRIME : सिंचाई विवाद बना खूनी खेल: पटवन के लिए दंपती की हत्या, जंगल में दफनाए गए शव बरामद, तीन आरोपित गिरफ्तार
खरसावां में सिंचाई के पानी को लेकर हुए विवाद में एक दंपती की हत्या कर दी गई। पुलिस ने जंगल में दफनाए गए शवों को बरामद किया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि हत्या के पीछे के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

सरायकेला-खरसावां जिले के चैतनपुुर गांव के पास जंगल में दफनाए गए शव को निकालने पहुंची पुलिस।
मामूली विवाद बना दोहरा हत्याकांड
खरसावां थाना क्षेत्र के अंतिम छोर पर स्थित चैतनपुर गांव में पानी पटवन (सिंचाई) को लेकर दो पक्षों के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा था। इसी विवाद ने 3 नवंबर की रात को ठाकुरा सरदार (39) और उसकी पत्नी चांदमुनी मुंडा (41) की जान ले ली।
पुलिस के मुताबिक, गांव के लोथो सरदार, गोंदो सरदार और बुंदिया सरदार ने पटवन के झगड़े को लेकर दंपती पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद तीनों ने मिलकर शवों को पास के घने जंगल में तीन से चार फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया, ताकि किसी को भनक न लगे।
नौ दिन बाद जंगल से निकाले गए शव
करीब नौ दिन बाद खरसावां पुलिस को इस पूरे मामले की जानकारी मिली। मजिस्ट्रेट और दंडाधिकारी कप्तान सिंकु की मौजूदगी में पुलिस टीम ने जंगल में खुदाई कर दोनों शवों को बाहर निकाला।
शवों की हालत क्षत-विक्षत थी और उनमें से तेज दुर्गंध फैल रही थी। दोनों के हाथ रस्सी से बंधे हुए थे, जिससे हत्या के बाद शवों को घसीटकर दफनाने की आशंका जताई जा रही है।
विसरा जांच के लिए शव को एमजीएम भेजा
पटवन विवाद से उजागर हुई ग्रामीण तनाव की हकीकत
पानी पटवन के विवाद को लेकर यह कोई पहली घटना नहीं है। ग्रामीण इलाकों में खेतों की सिंचाई को लेकर अक्सर झगड़े होते हैं। मगर खरसावां की यह घटना इस बात का उदाहरण है कि मामूली विवाद भी जब नियंत्रण से बाहर होता है, तो जानलेवा बन जाता है।
ग्रामीणों में इस वारदात को लेकर डर और गुस्से का माहौल है। लोगों ने प्रशासन से गांव में सिंचाई व्यवस्था को लेकर विवाद सुलझाने और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

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