जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवाओं की कमी लगातार बनी हुई है। बीते एक साल से मरीज महंगी दवाएं बाहर से खरीदने को मजबूर हैं।
हालांकि सरकार ने स्पष्ट रूप से सभी बड़े अस्पतालों में अमृत फार्मेसी शुरू करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद एमजीएम अस्पताल में यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। इसी लापरवाही पर अब जिला प्रशासन सख्त हो गया है।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक से तत्काल जवाब मांगा है कि अमृत फार्मेसी की स्थापना के लिए अब तक क्या कार्रवाई हुई और आगे की योजना क्या है। डीसी ने निर्देश दिया है कि पूरी रिपोर्ट तुरंत जिला प्रशासन को सौंपी जाए।
मरीजों को कम दाम पर जरूरी दवाएं मिले
स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने पहले ही साफ कर दिया था कि मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और 500 से अधिक बेड वाले सभी सरकारी अस्पतालों में अमृत फार्मेसी अनिवार्य रूप से शुरू की जानी चाहिए, ताकि मरीजों को कम दाम पर जरूरी दवाएं मिल सकें।
लेकिन जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में यह व्यवस्था अब तक लागू नहीं हुई है, जिससे हजारों मरीज हर दिन परेशान हो रहे हैं।
मरीजों की जेब पर बढ़ रहा बोझ, दवा के लिए रोजाना परेशान
एमजीएम अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन कई जरूरी दवाओं की उपलब्धता न होने से उन्हें निजी मेडिकल स्टोरों से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।
कई मरीजों के परिजन अस्पताल परिसर में दवाएं खोजते भटकते नजर आते हैं। कई बार दवाओं की अनुपलब्धता के कारण इलाज में देरी भी हो जाती है, जिससे मरीजों की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में दवाओं की कमी एक साल से ज्यादा समय से जारी है, फिर भी सुधार नहीं हुआ। लोगों की परेशानी से अस्पताल प्रबंधन को कोई मतलब नहीं है।
जागरण लगातार उठाता रहा है मुद्दा
दैनिक जागरण लंबे समय से एमजीएम अस्पताल में दवाओं की कमी और मरीजों की परेशानियों से जुड़ी खबरें प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है। अखबार द्वारा बार-बार इस समस्या को उठाने के बाद अब जिला प्रशासन सक्रिय हुआ है।
जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए नाराजगी जताई है। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि सरकार की जनकल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि एमजीएम अस्पताल में जल्द ही अमृत फार्मेसी की शुरुआत कर दी जाएगी। इसके खुलने से मरीजों को कम दाम पर जरूरी दवाएं आसानी से मिल सकेंगी और उन्हें बाहर से महंगी दवा खरीदने से राहत मिलेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।