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    World Archery: अनुभवी दीपिका बाहर, 15 साल की गाथा ने जगाई भारत की उम्मीदें

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:14 PM (IST)

    विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारतीय तीरंदाजी के लिए मिश्रित परिणाम देखने को मिले। एक ओर अनुभवी और पूर्व विश्व नंबर एक दीपिका कुमारी व्यक्तिगत स्पर्धा से बाहर हो गईं जिससे करोड़ों प्रशंसकों को निराशा हुई। दूसरी ओर 15 वर्षीय युवा खिलाड़ी गाथा खड़के ने अपनी पहली ही विश्व चैंपियनशिप में असाधारण प्रदर्शन करते हुए प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और भारत की एकमात्र उम्मीद बनी हुई हैं।

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    अनुभव हुआ नाकाम, दीपिका का विश्व चैंपियनशिप में सफर खत्म।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारत के लिए एक ही दिन में उम्मीद और निराशा की दो तस्वीरें देखने को मिलीं। जहां एक ओर अपना पहला विश्व चैंपियनशिप खेल रहीं 15 साल की युवा सनसनी गाथा खड़के ने सनसनीखेज प्रदर्शन करते हुए अंतिम-16 में जगह बना ली।

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    वहीं दूसरी ओर भारत की सबसे बड़ी उम्मीद और पूर्व विश्व नंबर एक दीपिका कुमारी व्यक्तिगत स्पर्धा से भी बाहर हो गईं। इस उलटफेर ने भारतीय खेमे को निराश किया है, जहां अब पदक की सारी उम्मीदें एक युवा खिलाड़ी के कंधों पर आ टिकी हैं।

    15 साल की गाथा का साहसिक प्रदर्शन

    टीम स्पर्धा में दबाव के कारण खराब शुरुआत करने वाली 15 वर्षीय गाथा खड़के ने व्यक्तिगत स्पर्धा में गजब का आत्मविश्वास दिखाया। उन्होंने अपने से कहीं ज्यादा अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों का डटकर सामना किया और एक के बाद एक मुकाबले जीतकर प्री-क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।

    गाथा अब चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र उम्मीद बची हैं। उनका यह प्रदर्शन इसलिए भी खास है क्योंकि यह उनकी पहली ही विश्व स्तरीय प्रतियोगिता है, और उन्होंने दिखाया है कि वह बड़े मंच पर दबाव झेलने और जीत हासिल करने का माद्दा रखती हैं।

    अनुभव काम न आया, दीपिका फिर चूकीं

    करोड़ों उम्मीदों का बोझ लेकर उतरीं दीपिका कुमारी के लिए यह चैंपियनशिप किसी बुरे सपने की तरह साबित हुई। टीम स्पर्धा में कांस्य पदक गंवाने के बाद व्यक्तिगत मुकाबले में भी उनका निशाना चूक गया और वह जल्दी ही हारकर बाहर हो गईं। यह प्रदर्शन इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि कुछ समय पहले ही मां बनने के बाद शानदार वापसी करते हुए उन्होंने शंघाई में हुए विश्व कप में रजत पदक जीता था।

    जिससे यह उम्मीद जगी थी कि वह अपनी पुरानी लय हासिल कर चुकी हैं। लेकिन इस बड़े मंच पर उनका अनुभव काम नहीं आया और वह एक बार फिर अहम मौके पर बिखर गईं। पूर्व विश्व नंबर एक खिलाड़ी का इस तरह बाहर होना भारतीय तीरंदाजी के लिए एक बड़ा झटका है।

    टीम स्पर्धा में भी हाथ लगी थी निराशा

    इससे पहले दिन में, भारतीय महिला रिकर्व टीम कांस्य पदक के मुकाबले में ओलंपिक चैंपियन दक्षिण कोरिया से 3-5 के करीबी अंतर से हारकर चौथे स्थान पर रही थी। दीपिका कुमारी, अंकिता भकत और गाथा खड़के की तिकड़ी ने शानदार वापसी तो की, लेकिन निर्णायक क्षणों में वे कोरियाई टीम के दबाव का सामना नहीं कर सकीं और भारत का 10 साल का पदक का सूखा खत्म करने से चूक गईं।