Jamshedpur Stadium: जमशेदपुर में क्रिकेट का सूखा जल्द होगा खत्म, पटमदा में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
जमशेदपुर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी की उम्मीद जगी है। कीनन स्टेडियम की दुर्दशा के बाद जेएससीए ने गेंगाड़ा गांव में नया स्टेडियम बनाने का फैसला किया है। जेएससीए सचिव ने भूमि का निरीक्षण किया और सड़क की चौड़ाई को बड़ी बाधा बताया। सरकार से सकारात्मक संकेत मिले हैं और स्थानीय लोगों को विकास की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जमशेदपुर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी की उम्मीदें तेज हो गई हैं। शहर का ऐतिहासिक कीनन स्टेडियम लगभग दो दशकों से अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए अनुपयुक्त बना हुआ है, जिसकी वजह से यहां क्रिकेट का बड़ा आयोजन नहीं हो सका है।
इस लंबे इंतजार को खत्म करने के लिए झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) ने पटमदा अंचल के गेंगाड़ा गांव में एक नया अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बुधवार को जेएससीए सचिव सौरभ तिवारी ने अधिकारियों के साथ प्रस्तावित 49.5 एकड़ भूमि का निरीक्षण किया और पहुंच मार्ग को निर्माण की सबसे बड़ी बाधा बताया।
कीनन स्टेडियम की बदहाली बनी वजह
एक समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का एक प्रमुख केंद्र रहा जमशेदपुर का कीनन स्टेडियम आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस मैदान पर आखिरी अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच 2006 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था।
उसके बाद से स्टेडियम की स्थिति लगातार खराब होती गई। स्टेडियम के कई स्टैंड्स की हालत जर्जर हो चुकी है और उन्हें दर्शकों के लिए असुरक्षित मानकर बंद कर दिया गया है।
जेएससीए सचिव सौरभ तिवारी। (जागरण)
टाटा स्टील के स्वामित्व वाले इस स्टेडियम में अब केवल घरेलू रणजी ट्राफी और अन्य छोटे मैच ही होते हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा न उतर पाने के कारण यह शहर क्रिकेट के वैश्विक नक्शे से लगभग गायब हो गया है, जिससे स्थानीय खेल प्रेमियों में भारी निराशा है।
नई उम्मीद लेकर आया गेंगाड़ा
शहर के इसी क्रिकेट सूखे को समाप्त करने के लिए जेएससीए ने अब पूरी ताकत झोंक दी है। बुधवार को जेएससीए के सचिव सौरभ तिवारी ने पटमदा अंचल के गेंगाड़ा गांव का दौरा किया, जहां नए स्टेडियम के लिए जमीन की पहचान की गई है।
उन्होंने पटमदा के अंचलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र कुमार दास और अन्य स्थानीय अधिकारियों की टीम के साथ 49.5 एकड़ की इस सरकारी भूमि का गहनता से निरीक्षण किया। इस दौरान जमीन की भौगोलिक स्थिति, स्टेडियम तक पहुंचने के रास्ते और संभावित अड़चनों का आकलन किया गया।
अधिकारियों की मौजूदगी में इस स्थल पर स्टेडियम के लिए प्रस्तावित भूमि का बोर्ड भी लगा दिया गया। अंचलाधिकारी ने पुष्टि की कि यह भूमि खाता संख्या 416 और प्लाट संख्या 1624 के तहत झारखंड सरकार की है, जिसे स्टेडियम निर्माण के लिए प्रस्तावित किया गया है।
सड़क की चौड़ाई सबसे बड़ी बाधा
निरीक्षण के बाद जेएससीए सचिव सौरभ तिवारी ने जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद से मुलाकात की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि स्टेडियम के निर्माण और भविष्य में इसके सफल संचालन के लिए सबसे बड़ी चुनौती गेंगाड़ा तक पहुंचने वाली सड़क है।
उन्होंने बताया कि कटिन चौक से गोपालपुर होते हुए गेंगाड़ा जाने वाली सड़क वर्तमान में केवल 15 फीट चौड़ी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों और भारी वाहनों के आवागमन के लिए यह चौड़ाई बिल्कुल अपर्याप्त है। तिवारी ने प्रशासन से अनुरोध किया कि स्टेडियम निर्माण को व्यावहारिक बनाने के लिए इस सड़क को तत्काल चौड़ा किया जाए।
सरकार से मिला सकारात्मक संकेत
सौरभ तिवारी ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध पहले ही किया जा चुका है और सरकार की ओर से इस पर सकारात्मक रुख दिखाया जा रहा है।
उन्होंने स्थानीय लोगों को यह विश्वास दिलाया कि स्टेडियम निर्माण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ होगा और इसमें स्थानीय लोगों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
इस पहल का स्वागत करते हुए समाजसेवी विश्वनाथ महतो ने कहा कि यह स्टेडियम इस क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय युवाओं को खेल की दुनिया में आगे बढ़ने के अनगिनत अवसर प्रदान करेगा।
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