टाटा समूह की दो दिग्गज कंपनियों ने मिलाया हाथ, अब जमशेदपुर में खटारा गाड़ियों का अब होगा वैज्ञानिक निपटारा
जमशेदपुर में टाटा स्टील और टाटा मोटर्स ने मिलकर पुरानी गाड़ियों के वैज्ञानिक निपटारे की शुरुआत की है। टाटा मोटर्स की री-वाइ-री सुविधा के द्वारा पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप किया जाएगा। यह सुविधा घर से गाड़ी उठाने और उचित मूल्य देने की सुविधा प्रदान करती है। इस पहल से प्रदूषण कम होगा और संसाधनों का पुन उपयोग होगा। यह केंद्र सरकार की वाहन स्क्रैपेज नीति के अनुरूप है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। शहर की सड़कों पर दौड़ रहीं पुरानी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के दिन अब लद गए हैं।
इन गाड़ियों को कबाड़ में बेचने के बजाय अब उनका वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाएगा, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा होगी और संसाधनों का दोबारा इस्तेमाल भी संभव होगा। इस बड़ी पहल के लिए टाटा समूह की दो दिग्गज कंपनियों, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स, ने हाथ मिलाया है।
शुक्रवार को टाटा स्टील जमशेदपुर वर्क्स में इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की गई। इसके तहत, टाटा मोटर्स की पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा 'री-वाइ-री' (रीसायकल विद रिस्पेक्ट) के माध्यम से अपनी उम्र पूरी कर चुकी पुरानी और अनुपयोगी गाड़ियों (एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स) को स्क्रैप किया जाएगा।
इस पहल का उद्घाटन टाटा स्टील के औद्योगिक उप-उत्पाद प्रबंधन विभाग के कार्यकारी प्रभारी दीपांकर दासगुप्ता ने किया।
टीम घर पर आकर पुरानी गाड़ी की करेगी जांच
यह सुविधा झारखंड में अपनी तरह की पहली है, जो आम लोगों के साथ-साथ कंपनियों के लिए भी उपलब्ध होगी। 'री-वाइ-री' की टीम घर पर आकर पुरानी गाड़ी की जांच करेगी, उसकी उचित कीमत लगाएगी और गाड़ी को घर से उठाने से लेकर सभी कागजी कार्यवाही भी पूरी करेगी।
इसके बाद, गाड़ी के हर एक पुर्जे को पर्यावरण के नियमों के तहत पूरी तरह सुरक्षित तरीके से अलग-अलग कर रिसाइकिल या नष्ट किया जाएगा।
यह पहल केंद्र सरकार की वाहन स्क्रैपेज नीति के अनुरूप है, जिसका दोहरा लाभ है। एक तरफ जहां सड़कों से पुरानी गाड़ियां हटने से प्रदूषण और दुर्घटनाओं में कमी आएगी। वहीं, दूसरी तरफ स्क्रैप से निकलने वाले स्टील, रबर और प्लास्टिक जैसे संसाधनों का दोबारा उपयोग हो सकेगा।
इस नीति के तहत, अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाले व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र मिलता है, जिसे दिखाकर नई गाड़ी खरीदने पर रोड टैक्स में आकर्षक छूट और कंपनी की ओर से भी डिस्काउंट मिलता है। 'री-वाइ-री' के देशभर में 11 केंद्र हैं, जो मिलकर सालाना दो लाख गाड़ियों को स्क्रैप करने की क्षमता रखते हैं।
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