टाटा स्टील का बड़ा कदम: अब तीनों शिफ्ट में गूंजेगी नारी शक्ति की आवाज, 'विंग्स आफ चेंज’ पहल का हुआ विस्तार
टाटा स्टील ने 'विंग्स ऑफ चेंज' पहल का विस्तार करते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब कंपनी की तीनों शिफ्टों में महिला कर्मचारियों की भागीदारी होगी, जिससे लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाना और उन्हें समान अवसर प्रदान करना है। यह कदम उद्योग में एक मिसाल कायम करेगा और सकारात्मक बदलाव लाएगा।

अब तीनों शिफ्ट में गूंजेगी नारी शक्ति की आवाज
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जैसे सूर्य की पहली किरण अंधकार को चीरकर एक नए दिन का आरंभ करती है, उसी तरह टाटा स्टील जमशेदपुर ने 'उड़ान: विंग्स ऑफ चेंज' पहल का विस्तार कर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारियों को अब तीनों पालियों (ए, बी और सी) में काम करने का ऐतिहासिक अवसर प्रदान किया है, जो लैंगिक समानता और समावेशिता की दिशा में एक मील का पत्थर है।
यह कदम न केवल महिलाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोलेगा, बल्कि संगठन को उनके विविध दृष्टिकोण और क्षमताओं से और भी मजबूत बनाएगा।
टाटा स्टील ने 2019 से ही दो पालियों में महिला कर्मचारियों की तैनाती का सफल माडल प्रस्तुत किया है। इसी सफलता और सरकार से प्राप्त आवश्यक स्वीकृतियों के आधार पर अब इस पहल को और व्यापक रूप दिया जा रहा है।
इस विस्तार के तहत लगभग 550 महिला कर्मचारी 21 विभागों में तीनों पालियों में अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी, जबकि वर्तमान में आठ विभागों में 185 महिला कर्मचारी दो पालियों में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं।
इस महत्वपूर्ण घोषणा पर टाटा स्टील की चीफ पीपल आफिसर, आत्रेयी सान्याल ने कहा, 'उड़ान: विंग्स आफ चेंज' पहल महिला सशक्तीकरण और एक समावेशी कार्यस्थल बनाने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
महिला कर्मचारियों के लिए तीन-पालियों में संचालन का विस्तार करके, हम न केवल अवसरों को बढ़ा रहे हैं, बल्कि विविधता, नवीनता और समावेशी नेतृत्व के माध्यम से अपने संगठन को और मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
महिला कर्मचारियों के लिए इस बदलाव को सुगम और पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए टाटा स्टील ने एक मजबूत समर्थन प्रणाली लागू की है। इसके अंतर्गत लगभग 20 समर्पित वाहनों के साथ उन्नत परिवहन व्यवस्था की गई है, जिसकी निगरानी के लिए 24x7 सेंट्रल हेल्पडेस्क और रियल-टाइम ट्रैकिंग ऐप भी है।
सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए हर वाहन में एक सुरक्षा मार्शल, एसओएस-सक्षम 'सुरक्षा कार्ड' और 'माई पास' मोबाइल ऐप जैसी सुविधाएं दी गई हैं। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल मदद के लिए 'पिंक क्विक रिस्पांस टीम' भी तैनात रहेगी।
आत्रेयी सान्याल ने बताया कि कंपनी ने अपनी नीतियों में भी प्रगतिशील बदलाव किए हैं। अब गर्भवती माताओं को उनके बच्चे के 15 महीने का होने तक केवल सामान्य या ए-बी पालियों में ही काम करने की सुविधा मिलेगी।
साथ ही, नई माताओं को नर्सिंग ब्रेक के लिए घर आने-जाने के लिए कंपनी परिवहन प्रदान करेगी और शिशु गृह की सुविधा तीनों पालियों के लिए उपलब्ध होगी। कर्मचारियों की सुविधा के लिए बैचलर आवास का भी प्रावधान किया गया है।
यह तैनाती चरणबद्ध तरीके से लागू होगी और एक फरवरी तक सभी लक्षित महिला कर्मचारियों को तीन-शिफ्ट संचालन में शामिल कर लिया जाएगा।
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