टाटा वर्कर्स यूनियन : कर्मचारियों को बिना ब्याज के ऋण देने पर उठा सवाल, अब ब्याज दर पर होगा पुनर्विचार
टाटा वर्कर्स यूनियन की फाइनेंस कमेटी की बैठक में यूनियन कर्मचारियों को बिना ब्याज के ऋण देने पर विवाद हुआ। यूनियन नेतृत्व से पूछा गया कि किस अधिकार से सदस्यों के चंदे का पैसा बिना ब्याज के बांटा जा रहा है। तय हुआ कि ब्याज दर पर पुनर्विचार होगा और फिर से बैठक बुलाई जाएगी। यूनियन के पास कर्मचारियों के चंदे से लगभग 40 करोड़ रुपये की जमा पूंजी है।

टाटा वर्कर्स यूनियन के फाइनांस कमेटी की बैठक में शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा वर्कर्स यूनियन के फाइनांस कमेटी की बैठक में शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ। इसके बाद तय हुआ कि यूनियन के कर्मचारियों को दिए गए ऋण पर पहले ब्याज की दर तय होगी, इसके बाद फिर से फाइनांस कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी।
टाटा वर्कर्स यूनियन में लगभग 40 कर्मचारी कार्यरत हैं जिनके बच्चों को एजुकेशन लोन के नाम पर बिना ब्याज के 36 लाख रुपये यूनियन नेतृत्व ने दिए हैं।
अन्य कर्मचारियों को तीन लाख जबकि एक विशेष कर्मचारी को नियमों को ताक में रखकर तीन के बजाए छह लाख रुपये का एजुकेशन ऋण बिना ब्याज के दिया गया है। इस पर फाइनांस कमेटी की बैठक में सवाल उठा।
यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी व महासचिव सतीश सिंह से पूछा गया कि आखिर किस अधिकार से यूनियन सदस्यों के जमा चंदा का पैसा कर्मचारियों को आठ साल के लिए बिना ब्याज दर के बांटा जा रहा है।
यदि यूनियन कर्मचारियों का बेसिक-डीए कम है तो एनएस ग्रेड कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए क्योंकि उनके बच्चे भी पढ़ाई कर रहे हैं।
इस दौरान उपाध्यक्ष संजय सिंह, सहायक सचिव नितेश राज व अजय चौधरी काफी मुखर रहे और उनका यूनियन नेतृत्व के साथ तीखी बहस हुई। अंतत तय हुआ कि दिए गए ब्याज दर पर ऋण की राशि तय की जाए, इसके बाद फिर से फायनांस कमेटी की बैठक बुलाई जाए।
बैठक में यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट सह फाइनांस कमेटी के चेयरमैन शैलेश सिंह सहित सभी आफिस बियरर्स व कमेटी मेंबरों में संजय पांडेय, गुलाब यादव, मनोज मिश्रा, गुरुचरण सिंह, न्यू बार मिल से संजय सिंह, आरएमएम से संजय सिंह, निलेश सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
मालूम हो कि टाटा स्टील में कार्यरत 11 हजार कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व टाटा वर्कर्स यूनियन करती है। कंपनी में कार्यरत स्टील ग्रेड कर्मचारियों के वेतन से 80 रुपये जबकि एनएस ग्रेड के 60 रुपये मासिक चंदे में होने वाली कटौती से यूनियन के पास लगभग 40 करोड़ रुपये से अधिक की जमा-पूंजी है।
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