छठ पूजा पर नदी बनी काल, पिता-पुत्र ने दी जान, निभाई रिश्ते की डोर...
जमशेदपुर के चांडिल में छठ पूजा के दौरान शहरबेड़ा घाट पर एक दुखद घटना घटी। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते समय एक भांजे को बचाने में पिता-पुत्र नदी में डूब गए, जिससे तीनों की मौत हो गई। स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की टीम ने शवों को बरामद किया। प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम किए थे, लेकिन हादसा हो गया।

शहरबेड़ा घाट में शव निकालते बचाव दल के सदस्य।
जागरण टीम, जमशेदपुर। जमशेदपुर के पास चांडिल थाना क्षेत्र के शहरबेड़ा स्थित विश्वास भट्टा छठ घाट पर सोमवार की शाम छठ पूजा के दौरान बड़ा हादसा हो गया। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान डूबते भांजे को बचाने में पिता-पुत्र नदी में डूब गए। स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की टीम ने तीनों के शवों को बाहर निकाला।
शहरबेड़ा के सामने स्वर्णरेखा नदी पर बने विश्वास भट्टा छठ घाट पर सोमवार की शाम छठ पूजा का माहौल श्रद्धा और उत्साह से भरा हुआ था। महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन कर रही थीं। इसी बीच एक हादसे ने पूरे वातावरण को शोक में बदल दिया। जानकारी के अनुसार, डिमना निवासी आर्यन यादव(10) अर्घ्य देने के बाद घाट के पास नहाने गया और अनजाने में डेंजर जोन की ओर बढ़ गया। कुछ ही देर में वह नदी के गहरे पानी में डूबने लगा। बेटे को बचाने की कोशिश में उसके मामा संजय यादव (आदित्यपुर निवासी) और संजय के पुत्र प्रतीक कुमार भी पानी में कूद गए, लेकिन तेज बहाव और गहराई के कारण तीनों बाहर नहीं निकल सके और देखते ही देखते सबकी जान चली गई।
शहरबेड़ा के सामने स्वर्णरेखा नदी पर बने विश्वास भट्टा छठ घाट पर सोमवार की शाम छठ पूजा का माहौल श्रद्धा और उत्साह से भरा हुआ था। महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन कर रही थीं। इसी बीच एक हादसे ने पूरे वातावरण को शोक में बदल दिया। जानकारी के अनुसार, डिमना निवासी आर्यन यादव(10) अर्घ्य देने के बाद घाट के पास नहाने गया और अनजाने में डेंजर जोन की ओर बढ़ गया। कुछ ही देर में वह नदी के गहरे पानी में डूबने लगा। बेटे को बचाने की कोशिश में उसके मामा संजय यादव (आदित्यपुर निवासी) और संजय के पुत्र प्रतीक कुमार भी पानी में कूद गए, लेकिन तेज बहाव और गहराई के कारण तीनों बाहर नहीं निकल सके और देखते ही देखते सबकी जान चली गई।
हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन पहुंचा :
घटना के बाद घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं और छठ व्रतियों में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना प्रशासन को दी। खबर मिलते ही चांडिल थाना पुलिस, बीडीओ तालेश्वर रविदास, सीओ प्रदीप कुमार महतो, एसडीएम विकास कुमार राय, डीएसपी अरविंद कुमार बिन्हा और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय गोताखोरों की सहायता से रेस्क्यू अभियान देर रात तक चलता रहा। सोमवार शाम आर्यन यादव का शव सबसे पहले नदी से निकाला गया। इसके बाद मंगलवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने संजय यादव का शव बरामद किया और दोपहर करीब 3:30 बजे प्रतीक कुमार का शव भी मिला। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा गया।
स्थानीय गोताखोर और एनडीआरएफ हुआ सक्रिय:
इस पूरे अभियान में सुवर्णरेखा बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति और चांडिल नौकायान समिति के अध्यक्ष सरदीप लायेक के नेतृत्व में 16 स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ के 30 सदस्यीय दल ने मिलकर लगातार प्रयास करते हुए तीनों शवों को खोज निकाला। घटना के बाद सरायकेला-खरसवां के उपायुक्त नितीश कुमार सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य का नेतृत्व किया। प्रशासन ने घाट पर विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 13 दंडाधिकारी और दो वरीय पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की थी।
इस पूरे अभियान में सुवर्णरेखा बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति और चांडिल नौकायान समिति के अध्यक्ष सरदीप लायेक के नेतृत्व में 16 स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ के 30 सदस्यीय दल ने मिलकर लगातार प्रयास करते हुए तीनों शवों को खोज निकाला। घटना के बाद सरायकेला-खरसवां के उपायुक्त नितीश कुमार सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य का नेतृत्व किया। प्रशासन ने घाट पर विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 13 दंडाधिकारी और दो वरीय पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की थी।
घाट के डेंजर जोन को चिन्हित कर लगाई थी चेतावनी पट्ट :
मंगलवार को जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय और ईचागढ़ की विधायक सविता महतो भी शहरबेड़ा घाट पहुंचे। उन्होंने घटना की विस्तृत जानकारी ली और शोक संतप्त परिवारों से मिलकर सांत्वना व्यक्त की। गौरतलब है कि प्रशासन ने पहले ही घाट के डेंजर जोन को चिन्हित कर वहां चेतावनी पट्ट लगाई थी और मजिस्ट्रेट भी तैनात थे। बावजूद इसके, आर्यन यादव अनजाने में गहरे पानी में चला गया और हादसे का शिकार हो गया।
मंगलवार को जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय और ईचागढ़ की विधायक सविता महतो भी शहरबेड़ा घाट पहुंचे। उन्होंने घटना की विस्तृत जानकारी ली और शोक संतप्त परिवारों से मिलकर सांत्वना व्यक्त की। गौरतलब है कि प्रशासन ने पहले ही घाट के डेंजर जोन को चिन्हित कर वहां चेतावनी पट्ट लगाई थी और मजिस्ट्रेट भी तैनात थे। बावजूद इसके, आर्यन यादव अनजाने में गहरे पानी में चला गया और हादसे का शिकार हो गया।

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