Stray Dogs Attack: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिला एंटी रेबीज का टीका, अस्पताल से डॉक्टर भी गायब
जामताड़ा के करमाटांड़ में आवारा कुत्तों ने पांच लोगों को काटा जिनमें दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यक इंजेक्शन और डॉक्टर की अनुपलब्धता से ग्रामीणों में आक्रोश है। घायलों को बाजार से इंजेक्शन खरीदने पड़े और एएनएम द्वारा इलाज किया गया। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था पर नाराजगी जताई और स्वास्थ्य मंत्री पर लापरवाही का आरोप लगाया।

संवाद सहयोगी,करमाटांड़( जामताड़ा)। करमाटांड़ में करमाटांड़ मधुपुर मुख्य सड़क स्थित काली मंदिर के समीप रविवार सुबह में टहलने निकले पांच महिला पुरुष को आवारा कुत्ते ने काट कर घायल कर दिया। जिसमें से दो महिलाए गंभीर है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करमाटांड़ में की आवश्यक सुई जेलोकीन एवं टीटी नहीं रहने के कारण बाहर से खरीद कर लाना पड़ा। जबकि स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं रहने के कारण एएनएम में इलाज किया। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा गया।
घायलों में गिरजा देवी ,जहीना बीबी, शकीला बीबी,सबीना बानू का इलाज तत्काल करमाटांड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। जबकि डॉक्टर एवं व्यवस्था को दुरुस्त ना देखकर शाहजहां अंसारी को उनके परिजनों ने नारायणपुर अस्पताल ले गए। सभी लोगों को रेबीज का टीका दिया गया है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
रंजीत मंडल करमाटांड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नाम मात्र की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। यहां पर सुविधा का नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। ग्रामीणों को समय पर जरूरत की( वैक्सीन) सुई तक नहीं मिल पाती है।
जिसके कारण लोगों को बाजार से खरीद कर सुई लाना पड़ता है ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमारे सूबे के स्वास्थ्य मंत्री केवल हवा हवाई बात करते हैं जबकि उनका यह निजी क्षेत्र का अस्पताल है।
साजिद अंसारी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं रहते हैं इसके साथ ही सुविधा की कमी के कारण मैं अपने बेटे को तुरंत नारायणपुर अस्पताल ले जाया गया। ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी ना हो यहां केवल खानापूर्ति की जाती है। यहां मरीज को पंखे का भी नसीब नहीं है। पंखे बंद पाए जाते हैं।
सद्दाम अंसारी ने बताया कि मेरी बहन को कुत्ते ने काट लिया था।जिसको लेकर हम लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करमाटांड़ में पहुंचे थे। जहां पर डॉक्टर नहीं मिला पूछे जाने पर कहा कि आज रविवार है।
डॉक्टर नहीं आते हैं इतना ही नहीं इलाज के क्रम में टीटी का सुई नहीं था। जिसे मुझे पर्ची में लिख कर दिया गया। तब मैं जाकर बाजार से खरीद कर लाया हूं। जो स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खोलती है।
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