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    Jharkhand Police को मिली बड़ी कामयाबी, लातेहार में JJMP के 9 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण, यहां जानें किस जिले में बचे हैं कितने उग्रवादी

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 01:42 PM (IST)

    झारखंड उग्रवादी संगठन जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) से मुक्त हो गया। लातेहार पुलिस आफिस में सोमवार को संगठन के सुप्रीमो समेत 9 उग्रवादियों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष एक साथ आत्मसमर्पण कर दिया।सरेंडर करने वाले उग्रवादियों में पांच इनामी हैं। सरेंडर करने वाले उग्रवादियों ने पुलिस को पांच एके 47 समेत कुल 12 हथियार व गोलियां भी दिए हैं।

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    जेजेएमपी के 9 उग्रवादियों ने हथियार और गोलियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।

    जागरण संवाददाता, लातेहार । झारखंड राज्य उग्रवादी संगठन जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) से मुक्त हो गया। लातेहार पुलिस आफिस में सोमवार को संगठन के सुप्रीमो समेत 9 उग्रवादियों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष एक साथ आत्मसमर्पण कर दिया।

    सरेंडर करने वाले उग्रवादियों में पांच इनामी हैं। इतनी बड़ी संख्या में उग्रवादियों के एक साथ आत्मसमर्पण करने की यह लातेहार जिले में पहली घटना है। सरेंडर करने वाले उग्रवादियों ने पुलिस को पांच एके 47 समेत कुल 12 हथियार व गोलियां भी दिए हैं।

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    माला पहनाकर मुख्यधारा में लौटने पर उग्रवादियों का किया स्वागत

    सीआरपीएफ आइजी साकेत कुमार, आइजी अभियान माइकल राज एस, पलामू आइजी सुनील भास्कर, डीआइजी नौशाद आलम, सशस्त्र सीमा बल के डीआइजी मानवेंद्र, लातेहार एसपी कुमार गौरव, सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट राजेश सिंह, उपविकास आयुक्त सैयद रियाज अहमद ने संयुक्त रूप से माला पहनाकर उग्रवादियों का मुख्यधारा में आने पर स्वागत किया।

    प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सीआरपीएफ पुलिस महानिरीक्षक साकेत कुमार सिंह ने कहा कि लातेहार जिले में एक साथ जेजेएमपी के 9 उग्रवादियों के हथियार के साथ आत्मसमर्पण करने के बाद जिले में एक भी जेजेएमपी उग्रवादी नहीं बचे हैं।

    उन्होंने बताया कि पांच एके सीरीज का रायफल, तीन एसएलआर व थर्टी 06 का रायफल ये सभी हथियार पुलिस से लूटे हुए थे जिन्हें उग्रवादियों ने पुलिस को दिया है। उन्होंने बताया कि झारखंड का गढ़वा जिला नक्सल मुक्त है।

    पलामू एरिया में चार से पांच नक्सली हैं। वहीं लातेहार में 3 से 4 टीपीसी के उग्रवादी बचे हुए हैं जो पलामू और लातेहार घूमते रहते हैं। उन्होंने बताया कि पलामू प्रमंडल में एक समय 200 से 250 नक्सली थे।

    लेकिन अब दस प्रतिशत भी नहीं बचे हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह गिरिडीह में एक भी नक्सली नहीं है, जबकि चतरा जिले में चार से पांच नक्सली बचे हुए हैं। गुमला, सिमडेगा, सरायकेला, खूंटी में नक्सली जीरो हैं।

    2025 तक राज्य से नक्सली समस्या खत्म कर देने का है लक्ष्य

    उन्होंने कहा कि हमलोगों का लक्ष्य है कि 2025 तक नक्सली समस्या खत्म कर दें। हमलोग करीब के करीब इस लक्ष्य के नजदीक पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि चाईबासा जिले में 60 से 70 नक्सली बचे हुए हैं।

    उन्होंने बताया कि अब झारखंड में चाईबासा जिले के छोड़कर सभी जिले में नक्सलियों खत्म के कगार पर पहुंच गई है। अब झारखंड लोगों को खुश होना चाहिए कि झारखंड में सीआरपीएफ का अब काम नहीं है।

    झारखंड पुलिस बधाई की पात्र है। पुलिस महानिरीक्षक अभियान रांची झारखंड माइकल राज एस ने सभी उग्रवादियों से सरेंडर कर सरकार की आत्मसमपर्ण व पुर्नवास नीति का लाभ लेने की अपील की।

    उन्होंने कहा कि सरेंडर नहीं करने पर पुलिस की गोली उन्हें अपना शिकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के बाद पहली बार इतने बड़े संख्या में उग्रवादी हथियार डाल कर सरेंडर किए हैं।

    उग्रवादी मुख्यधारा में लौटें नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें

    उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर व झारखंड पुलिस के प्रयास से इनलोगों ने आत्मसमर्पण किया है जो बधाई के पात्र हैं। पुलिस महानिरीक्षक पलामू प्रक्षेत्र सुनील भास्कर ने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाते हुए उग्रवादियों ने सरेंडर किया है।

    इससे अन्य उग्रवादियों को भी प्रेरणा लेकर मुख्य धारा में लौटना चाहिए। उन्होंने बताया कि फरवरी से लेकर अब तक लातेहार जिले में 10 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। जिसमें तीन नक्सली व 7 जेजेएमपी उग्रवादी थे। उन्होंने सभी उग्रवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की है अन्यथा पुलिस कार्रवाई के लिए तैयार है।

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