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    Lohardaga News: लोहरदगा में भारी बारिश जनजीवन अस्त-व्यस्त, किसानों की भी बढ़ी मुश्किल

    लोहरदगा में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाजार में सन्नाटा पसरा है स्कूली बच्चे परेशान हैं और शहर में जलजमाव की समस्या बढ़ गई है। अधिक वर्षा के कारण किसानों को धान की खेती में नुकसान हो रहा है और सब्जियों की कीमतें भी बढ़ रही हैं।

    By Vikram Chouhan Edited By: Divya Agnihotri Updated: Thu, 10 Jul 2025 03:33 PM (IST)
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    जुलाई में सामान्य वर्षापात 305 मिमी, अब तक 145.5 मिमी हो चुकी बारिश

    जागरण संवाददाता, लोहरदगा। लोहरदगा में जमकर बारिश हो रही है। लगातार हो रही वर्षा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार वर्षा से बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। दुकानदार ग्राहकों की राह ताक रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है।

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    बच्चे भीग कर स्कूल जा रहे हैं, जिससे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। गुरुवार को दिन की शुरुआत बादल और वर्षा के साथ हुई। बिजली कड़कने से और तेज वर्षा को लेकर अभिभावकों को बच्चों की चिंता सता रही थी। वर्षा की वजह से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है।

    वहीं, शहरी क्षेत्र में भी जलजमाव के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई सड़कों में पानी जम गया। वहीं, नालियों का कचरा सड़क पर बह रहा है।

    लोगों का घर से बाहर निकल पाना मुश्किल हो चुका है। लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जिले में जुलाई में सामान्य वर्षापात 305 मिमी के विपरीत अब तक 145.5 मिमी वास्तविक वर्षा हो चुकी है। महज दस दिनों में ही जिले में जुलाई के महीनें में सामान्य वर्षापात का 47.70 वास्तविक वर्षा हो चुकी है।

    जून के महीनें में भी जमकर बरसे बदरा

    जून के महीनें में सामान्य वर्षापात 137.3 मिमी सामान्य वर्षापात के विपरीत 550.6 मिमी वास्तविक वर्षा हुई थी। ज्यादा वर्षा के कारण धान की खेती पर असर पड़ रहा है। किसानों द्वारा खेतों में बिचड़ा को लेकर डाले गए बीज सड़ गए थे, जिसके बाद किसानों ने दोबारा बीज खरीद कर बिचड़ा के लिए बीज खेतों में डाले।

    फिर एक बार लगातार वर्षा के कारण किसानों को बिचड़ा में झुलसा रोग का खतरा सताने लगा है। मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ा है। लोग सर्दी, खांसी, बुखार के कारण परेशान नजर आ रहे हैं। साथ ही वर्षा का असर सब्जियों की खेती पर पड़ रहा है। फिर एक बार सब्जियों की कीमत बढ़ने लगी है।