एनजीटी की बाध्यता खत्म, फिर भी बालू बंद, पाकुड़ में अनिश्चितकालीन चक्का जाम की तैयारी
पाकुड़ के महेशपुर में एनजीटी की बाध्यता खत्म होने के बाद भी बालू खनन पर रोक जारी है, जिससे आवास योजना के लाभार्थियों और मजदूरों को परेशानी हो रही है। सरकारी काम ठप हैं और मजदूर पलायन कर रहे हैं। विरोध में 25 नवंबर से अनिश्चितकालीन चक्का जाम की तैयारी है। प्रशासन को सूचित कर दिया गया है, पर अभी तक कोई पहल नहीं हुई है।

एनजीटी की बाध्यता खत्म फिर भी बालू बंद
संवाद सूत्र, महेशपुर (पाकुड़)। एनजीटी की बाध्यता खत्म होने के बावजूद भी बालू बंद रहने के कारण प्रखंड क्षेत्र के आवास योजना के लाभुक, मजदूर, ट्रैक्टर मालिक काफी परेशान है। इसको लेकर 25 नवंबर को लाभुक, मजदूर और ट्रैक्टर मालिक अनिश्चितकालीन चक्का जाम करने का निर्णय लिया है।
चक्का जाम को लेकर सीओ संजय कुमार सिंहा एवं थाना प्रभारी को आवेदन दिया गया है। आवेदन में कहा गया है कि एनजीटी समाप्त होने के बावजूद भी अभीतक नदी से बालू उठाव की अनुमति नहीं मिली है।
सरकारी योजना का कार्य पूर्ण रूप से बंद
बालू का उठाव बंद रहने के कारण सरकारी योजना का कार्य पूर्ण रूप से बंद पड़ा हुआ है। खासकर अबुआ आवास योजना के लाभुक सबसे ज्यादा परेशान है। आवास पूर्ण नहीं होने के कारण वेलोग झोपड़ी में रह रहे हैं। साथ ही मजदूरों को भी काम नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण वे अन्य राज्य पलायन कर रहे हैं। बालू बंद रहने के कारण मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
स्थानीय मनोज यादव, मुकेश मंडल, पिंकू मंडल, सोमेन टूडू, राजेंद्र हेम्ब्रम के अलावा सैकड़ों ग्रामीणों ने बताया कि बालू बंद रहने के कारण बीते 14 नवंबर को चक्का जाम किया गया था। इसके बाद अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 23 नवंबर तक बालू चालू कर दिया जाएगा।
आश्वासन का समय बीतने के बाद भी इस दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं हुई। इसलिए ग्रामीणों ने पुन: र्निर्णय लिया है कि आगामी 25 नवंबर से अनिश्चितकालीन चक्का जाम किया जाएगा।

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