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    झारखंड में बदलेगा थानों का चेहरा, अब पानी पिलाकर होगा स्वागत; मिलेगी हर आवेदन की रिसीविंग

    पलामू गढ़वा और लातेहार जिलों के थानों में अब पुलिस लोगों का स्वागत पानी से करेगी और शिकायतों की रसीद भी देगी। बेतला में हुई बैठक में आईजी सुनील भास्कर ने कहा कि पुलिस का मकसद जनता का विश्वास जीतना है। थानों में कुर्सियों की व्यवस्था होगी पुलिस शालीनता से व्यवहार करेगी और शिकायतों का समाधान प्राथमिकता पर होगा। दुर्व्यवहार की शिकायत पर कार्रवाई होगी।

    By Sachidanand Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 22 Aug 2025 10:04 AM (IST)
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    पलामू आईजी सुनील भास्कर ने की बैठक। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर(पलामू)। थाने का नाम सुनते ही आम लोगों के मन में खौफ और हिचकिचाहट पैदा होती है। शिकायत लेकर आने वाला व्यक्ति कई बार पुलिस के रूखे व्यवहार और रिसीविंग न मिलने से निराश लौटता है।

    लेकिन अब यह तस्वीर बदलने वाली है। जल्द ही पलामू, गढ़वा और लातेहार जिलों में पुलिसिंग का बदला हुआ स्वरूप देखने को मिलेगा।

    अब थानों में पहुंचने वाले आम लोगों का पुलिस न सिर्फ पानी पिलाकर स्वागत करेगी, बल्कि उनकी हर शिकायत व आवेदन की रिसीविंग भी उपलब्ध कराएगी।

    बेतला बैठक से शुरू हुआ बदलाव का खाका

    लातेहार के बेतला में बीते बुधवार को हुई हाई लेवल बैठक में पलामू जोनल आईजी सुनील भास्कर ने स्पष्ट किया कि पुलिसिंग का मकसद जनता का विश्वास जीतना है। बैठक में तय हुआ कि हर थाना परिसर में बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियों की व्यवस्था होगी।

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    पुलिस शालीनता से व्यवहार करेगी और शिकायत का समाधान प्राथमिकता पर होगा। किसी भी थाने में आगंतुक से दुर्व्यवहार की शिकायत मिलने पर दोषी पुलिसकर्मी पर तुरंत कार्रवाई होगी।

    होटल और किरायेदारों का नियमित सत्यापन अनिवार्य होगा। आम लोग घर खाली कर बाहर जाएं तो थाना को इसकी सूचना देंगे। हर थाना प्रभारी अपना मोबाइल नंबर और हेल्पलाइन नंबर सार्वजनिक करेंगे।

    दरअसल यह प्रयास जनता-पुलिस की दूरी कम करने की कोशिश है।अब तक पुलिस और जनता के बीच की दूरी सबसे बड़ी चुनौती रही है। शिकायतकर्ताओं को अक्सर यह शिकायत रही है कि थाने में उनकी बात को गंभीरता से नहीं सुना जाता।

    लेकिन आईजी ने साफ कर दिया है कि यदि जनता को पुलिस पर भरोसा दिलाना है तो व्यवहारिक बदलाव जरूरी है।

    पुलिसिंग का मकसद जनता का विश्वास जीतना और अपराध व नक्सल गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करना है। थाना स्तर पर सुधार से पुलिस और जनता के बीच की दूरी कम होगी। - सुनील भास्कर, आईजी, पलामू